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वेश्यावृत्ति पर उतर आए हैं... डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करने पर किस देश पर भड़का चीन, सुनाई खरी खोटी

China insults Taiwan president : चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार बताया था. चीन ने राष्ट्रपति लाई पर पश्चिमी देशों की चापलूसी करने और ताइवान को बेचने का आरोप लगाया. इस विवादास्पद टिप्पणी ने दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है. ताइवान की प्रतिक्रिया अभी नहीं आई.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

China insults Taiwan president : चीन और ताइवान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों में अब और तीखापन आ गया है. हाल ही में ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू के जवाब में चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ताइवान के राष्ट्रपति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खुलकर प्रशंसा की थी और यहां तक कहा कि यदि ट्रंप, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग छोड़ने के लिए मना लेते हैं, तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए.

"वेश्यावृत्ति" जैसी हरकतें कर रहे लाई चिंग-ते

इस बयान से बौखलाए चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय ने राष्ट्रपति लाई को लेकर अत्यंत आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने आरोप लगाया कि लाई चिंग-ते "वेश्यावृत्ति" जैसी हरकतें कर रहे हैं और पश्चिमी देशों की चापलूसी में लगे हैं. बयान में दावा किया गया कि ताइवान के राष्ट्रपति सत्ता में आने के बाद से ही "अलगाववादी एजेंडे" को आगे बढ़ा रहे हैं और विदेशी ताकतों के साथ मिलकर ताइवान की संप्रभुता को दांव पर लगा रहे हैं.

लाई का रवैया क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा
चीन ने दो टूक कहा कि ताइवान अगर विदेशी समर्थन के दम पर आजादी हासिल करने की कोशिश कर रहा है तो यह एक असफल रणनीति साबित होगी. चीन का मानना है कि ऐसे प्रयास ताइवान की राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाएंगे. चीन का यह भी कहना है कि राष्ट्रपति लाई का रवैया क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बनता जा रहा है.

ताइवान की ओर से अब तक चुप्पी
इस पूरे विवाद पर ताइवान की सरकार या राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि ताइपे इस विवादास्पद बयानबाज़ी का किस तरह से जवाब देता है, विशेषकर ऐसे समय में जब अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ ताइवान के संबंधों में निकटता बढ़ रही है.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप या रणनीतिक तनाव?
चीन द्वारा लाई चिंग-ते के लिए इस्तेमाल की गई भाषा सिर्फ कूटनीतिक मर्यादाओं को नहीं तोड़ती, बल्कि यह भविष्य में आने वाले बड़े तनावों की तरफ भी इशारा करती है. ताइवान पहले भी चीन के दबावों को खारिज कर स्वतंत्र पहचान की मांग करता रहा है, लेकिन बीजिंग बार-बार इसे चीन का ही हिस्सा मानता आया है.

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08 October 2025, 09:15 PM IST

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