मानों शांति प्रस्ताव नहीं तो चाहे जितना लड़ो, ट्रंप ने जेलेंस्की को दिया अल्टीमेटम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के लिए अपने 28-सूत्रीय शांति प्रस्ताव को अंतिम न बताते हुए उसमें बदलाव की संभावना जताई है. यूरोपीय देश प्रस्ताव को कठिन मान रहे हैं, जबकि यूक्रेन पर इसे स्वीकार करने का दबाव बढ़ रहा है.

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए पेश किए गए अपने 28-सूत्रीय शांति प्रस्ताव पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि यह उनका अंतिम और फाइनल ऑफर नहीं है, बल्कि इस पर आगे बातचीत और संशोधन की पूरी गुंजाइश है. ट्रंप ने जोर देकर कहा कि युद्ध अब किसी भी हाल में खत्म होना चाहिए और वह ऐसे समाधान की तलाश में हैं जो सभी पक्षों को स्वीकार्य हो.
शनिवार को ट्रंप ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर से फोन पर चर्चा की. दोनों देशों की ओर से इस बातचीत को सार्थक और सकारात्मक संवाद बताया गया. हालांकि, यूरोपीय नेताओं में ट्रंप के प्रस्ताव को लेकर चिंता बनी हुई है. उन्हें आशंका है कि यह समझौता यूक्रेन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, खासतौर पर इसलिए क्योंकि इसमें यूक्रेनी सेना को आधा करने और सीमाओं में बड़े बदलाव जैसे कठोर प्रावधान शामिल हैं. स्टारमर ने भी माना कि यह प्रस्ताव एक प्रारंभिक आधार है, जिस पर और ठोस काम की आवश्यकता है.
जेलेंस्की पर दबाव
दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर अमेरिकी नेतृत्व ने सख्त संदेश दिया है. उन्हें चेतावनी दी गई है कि उन्हें जमीनी हकीकत स्वीकार करते हुए अमेरिका और रूस के बीच बने ढांचे पर सहमति दर्ज करनी होगी. ट्रंप ने जेलेंस्की को गुरुवार तक की समयसीमा भी दी है. ट्रंप ने साफ किया कि यदि यूक्रेन इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करता, तो अमेरिका का समर्थन कमजोर और सीमित हो सकता है.
यूक्रेन के प्रतिनिधि रुसतम उमेरोव ने पुष्टि की है कि अगले सप्ताह जिनेवा में अमेरिका और यूरोपीय नेताओं के साथ एक अहम वार्ता होगी. लक्ष्य होगा ऐसा फ्रेमवर्क बनाना जो आगे की बातचीत को दिशा दे सके. अमेरिका की तरफ से इस बैठक का नेतृत्व विदेश मंत्री मार्को रूबियो करेंगे, जबकि व्हाइट हाउस एनवॉय स्टीव विटकॉफ और आर्मी सेक्रेटरी डैन ड्रिस्कॉल भी मौजूद रहेंगे.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस का तीखा बयान
अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के बीच ट्रंप प्रशासन ने पलटवार भी किया है. उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा कि कई नेता इस योजना को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं. उनका कहना था कि कल्पना की दुनिया में जीने वाले लोग यह समझ लें कि ज्यादा पैसा या ज्यादा हथियार भेजने से युद्ध का परिणाम नहीं बदलेगा. वेंस का बयान उन यूक्रेनी नेताओं पर सीधा निशाना माना जा रहा है जो रूस से समझौते के लिए और सख्त शर्तें मांग रहे हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी प्रस्ताव पढ़कर यूक्रेनी अधिकारियों में भारी नाराजगी और झटका है. योजना के अनुसार, यूक्रेन को कुछ हिस्सों पर दावा छोड़ना होगा, नाटो में शामिल न होने का औपचारिक वादा करना होगा और रूस के युद्ध अपराधों पर पूर्ण माफी देनी होगी.
समझौते का दूसरा पहलू
हालांकि, प्रस्ताव का सकारात्मक पक्ष भी सामने आया है. अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को एक ऐतिहासिक सुरक्षा गारंटी देने को तैयार हैं. कुछ वैसी ही जैसी NATO का आर्टिकल 5 है. इसका अर्थ यह होगा कि भविष्य में यूक्रेन पर किसी भी हमले को पूरे ट्रांसअटलांटिक समुदाय पर हमला माना जाएगा.
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या यह प्रस्ताव अंतिम है, ट्रंप ने कहा, “नहीं, बिल्कुल नहीं.” फिर पूछा गया कि अगर जेलेंस्की इनकार करते हैं तो क्या होगा? इस पर ट्रंप ने ठंडे अंदाज में जवाब दिया,“तो वे अपनी पूरी ताकत से लड़ते रहें.”


