ट्रंप का सीजफायर टूटा...गाजा में युद्ध की नई लहर, नेतन्याहू ने तगड़े हमलों का किया ऐलान, अब क्या कदम उठाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति?
इजरायल ने गाजा में तेज हमले शुरू करने का आदेश दिया, बाद में हमास ने शवों की वापसी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया. दोनों पक्षों के बीच तनाव और युद्धविराम पर संकट.

नई दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में एक गंभीर बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने इजरायली सेना को गाजा में तत्काल "तेज हमले" शुरू करने का निर्देश दिया. यह आदेश उस सूचना के तुरंत बाद आया, जिसमें बताया गया था कि हमास ने दक्षिणी गाजा में इजराइली सैनिकों पर गोलीबारी की है. इस घटनाक्रम के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ गया है, जो पहले से ही उबाल पर था.
हमास द्वारा शवों के अवशेष लौटाने का विवाद
गाजा में शवों की धीमी गति से बरामदगी
वर्तमान में, गाजा में 13 बंधकों के शव अभी भी बरामद नहीं हुए हैं, और उनकी धीमी गति से बरामदगी युद्धविराम की प्रक्रिया में रुकावट डाल रही है. इजरायल का आरोप है कि हमास जानबूझकर इन शवों को लौटाने में विलंब कर रहा है, ताकि युद्धविराम के अगले चरण को लागू करने में मुश्किलें उत्पन्न की जा सकें. दूसरी ओर, हमास ने अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए कहा कि वह शवों की पहचान और उनकी वापसी में कठिनाई का सामना कर रहा है. यह बयान गाजा में लगातार हो रही बमबारी और संघर्ष के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों को दर्शाता है, जिसमें खतरनाक और अव्यवस्थित युद्धक्षेत्र के कारण शवों का पता लगाना बेहद कठिन हो गया है.
हमास का शवों की वापसी प्रक्रिया को स्थगित करना
जैसे ही नेतन्याहू ने गाजा में तेज हमले शुरू करने का आदेश दिया, हमास ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने मंगलवार शाम को तय किए गए एक अन्य बंधक के शव को सौंपने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया. अल-कुद्स ब्रिगेड ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि इजरायल द्वारा उल्लंघन किए जाने के कारण शवों के हस्तांतरण को टाल दिया गया है. यह स्थिति और जटिल हो गई है, क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं और एक दूसरे की हर गतिविधि को युद्धविराम समझौते का उल्लंघन मान रहे हैं.
सम्भावित युद्धविराम पर संकट
इस घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट होता है कि गाजा में जारी संघर्ष और दोनों पक्षों के बीच असमंजसपूर्ण गतिरोध युद्धविराम की प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. बंधकों के शवों की वापसी और उनके अवशेषों की बरामदगी के मुद्दे पर उत्पन्न विवाद, संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी बाधा साबित हो रहा है. अब सवाल यह है कि क्या यह युद्धविराम समझौता विफल हो जाएगा या दोनों पक्ष किसी सहमति पर पहुंचने में सफल हो सकेंगे.


