ट्रंप के टैरिफ अटैक से कौन सबसे ज्यादा परेशान? इन 10 देशों पर पड़ रही सबसे ज्यादा मार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया टैरिफ आदेश जारी किया है. अमेरिका द्वारा लगाए गए इन भारी टैरिफ से जिन देशों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, उनकी सूची नीचे शेयर की गई है. आइए जानते हैं कि ट्र्ंप के टैरिफ का असर किन देशों पर सबसे ज्यादा पड़ा.

Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत में भूचाल ला दिया है. गुरुवार को उन्होंने एक नई टैरिफ नीति की घोषणा की, जिसमें विश्वभर के 69 व्यापारिक साझेदारों (68 देश और यूरोपीय संघ) पर भारी आयात शुल्क लागू किए गए हैं. इस आदेश के अनुसार, जिन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है या जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में अमेरिका के साथ संतुलन नहीं बना पाए हैं, उन्हें 15% से अधिक की ड्यूटी झेलनी पड़ेगी.
ट्रंप के इस फैसले में कुछ देशों के साथ पहले से समझौते किए गए हैं, जबकि कुछ को बातचीत का मौका तक नहीं मिला. जिन देशों का नाम अधिनियम के परिशिष्ट में नहीं है, उन पर स्वतः 10% का डिफॉल्ट टैरिफ लागू हो जाएगा. यह नीति अगले सात दिनों में प्रभावी हो जाएगी.
टॉप 10 देश जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुए
अमेरिका द्वारा लगाए गए इन भारी टैरिफ से जिन देशों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, उनकी सूची इस प्रकार है-
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सीरिया – 41%
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लाओस – 40%
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म्यांमार (बर्मा) – 40%
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स्विट्ज़रलैंड – 39%
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इराक – 35%
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सर्बिया – 35%
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अल्जीरिया – 30%
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बोस्निया और हर्जेगोविना – 30%
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लीबिया – 30%
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दक्षिण अफ्रीका – 30%
ट्रंप प्रशासन ने इन देशों पर अधिक शुल्क इसलिए लगाया क्योंकि ये या तो अमेरिका के साथ व्यापारिक संतुलन में विफल रहे या राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में पर्याप्त सहयोग नहीं दिखा पाए.
कनाडा पर टैरिफ 25 से बढ़ाकर 35% किया
ट्रंप ने विशेष तौर पर कनाडा पर तीखी प्रतिक्रिया दी और उसके कई उत्पादों पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 35% कर दिया. उन्होंने कनाडा पर यह आरोप लगाया कि वह अमेरिका में फेंटानिल की तस्करी को रोकने के लिए पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहा है.
मैक्सिको को बड़ी राहत
दूसरी ओर, मैक्सिको को बड़ी राहत दी गई. ट्रंप ने कहा कि "मैक्सिकन पक्ष ने जिस रचनात्मकता के साथ काम किया, वैसा कनाडा ने नहीं किया." इसके चलते मैक्सिको के अधिकांश गैर-ऑटोमोटिव और गैर-धातु निर्यातों को 30% की प्रस्तावित ड्यूटी से छूट दी गई, बशर्ते वे USMCA नियमों के तहत आते हों.
गुरुवार सुबह ट्रंप और मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाउम के बीच हुई फोन कॉल के बाद यह निर्णय लिया गया. शीनबाउम ने इस बातचीत को "बहुत अच्छा" बताते हुए कहा, "हमने कल से लागू होने वाली ड्यूटी से बचाव कर लिया है."
मैक्सिको के अर्थव्यवस्था मंत्रालय के अनुसार, अमेरिका को होने वाला 85% मैक्सिकन निर्यात USMCA के नियमों का पालन करता है, जिससे ये 25% की फेंटानिल संबंधी ड्यूटी से बच जाते हैं.
हालांकि, अमेरिका ने मैक्सिकन स्टील, एल्युमिनियम और कॉपर पर 50% ड्यूटी और मैक्सिकन कारों एवं उन उत्पादों पर 25% टैक्स बनाए रखा है जो USMCA के दायरे में नहीं आते लेकिन फेंटानिल से संबंधित शुल्कों के अंतर्गत आते हैं.
ट्रंप की नाराजगी का कारण
ट्रंप ने आदेश में कहा, "कुछ देशों ने बातचीत के बावजूद ऐसे प्रस्ताव दिए जो हमारे व्यापारिक असंतुलन को ठीक करने के लिए पर्याप्त नहीं थे, या फिर आर्थिक व राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में अमेरिका के साथ तालमेल नहीं बिठा सके."


