score Card

इजरायल के खिलाफ तुर्किये का बड़ा एक्शन, PM नेतन्याहू समेत 36 के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट

तुर्की के इस्तांबुल अभियोजक कार्यालय ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और 36 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गाजा में नरसंहार के आरोपों पर गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. इनमें रक्षा मंत्री इस्राएल कैट्ज और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर भी शामिल हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : तुर्की की राजधानी इस्तांबुल से एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय कदम उठाया गया है. इस्तांबुल के मुख्य लोक अभियोजक कार्यालय ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गाजा में नरसंहार (Genocide) के आरोपों पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह कार्रवाई 7 नवंबर 2025 को की गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है.

36 अन्यअधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई

आपको बता दें कि नेतन्याहू के अलावा तुर्की प्राधिकारियों ने 36 अन्य वरिष्ठ इजराइली अधिकारियों के खिलाफ भी वारंट जारी किए हैं. इनमें रक्षा मंत्री इस्राएल कैट्ज़, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर, सीमा एवं सुरक्षा मंत्री एयाल ज़मीर, और इज़राइली नौसेना प्रमुख डेविड सआर सलामा के नाम प्रमुख हैं. अधिकारियों ने पूरी सूची सार्वजनिक नहीं की, लेकिन बयान में बताया गया कि आरोपियों पर गाज़ा में नागरिकों के खिलाफ व्यवस्थित हिंसा का आरोप है.

2023 से मार्च 2025 तक की अवधि है शामिल 
अभियोजक कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में अक्टूबर 2023 से मार्च 2025 तक की अवधि को शामिल किया है. रिपोर्ट में अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर 17 अक्टूबर 2023 को हुए हमले और उसके तीन दिन बाद एबली बैपटिस्ट अस्पताल पर हुए हमले का उल्लेख किया गया है, जिनमें बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए थे. इसके अलावा, तुर्की द्वारा बनाए गए “तुर्की-फिलिस्तीनी मैत्री अस्पताल” पर मार्च 2025 में हुए इजराइली हमले को भी प्रमुख साक्ष्य के रूप में उद्धृत किया गया है.

इजरायल की कड़ी प्रतिक्रिया
इज़राइल ने इस कदम पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इसे तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन की प्रचार चाल (PR Stunt) बताया. इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन साअर ने कहा कि “एर्दोआन की तुर्की में न्यायपालिका अब स्वतंत्र नहीं रही, बल्कि राजनीतिक विरोधियों और पत्रकारों को दबाने का उपकरण बन चुकी है.” उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “इज़राइल इस तथाकथित न्यायिक कार्रवाई को तुच्छ और अस्वीकार्य मानता है.”

तुर्की लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय
तुर्की लंबे समय से फिलिस्तीन के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रहा है. उसने 2024 में दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में इज़राइल पर नरसंहार का मामला दायर करने में सहयोग दिया था. इसके अलावा, तुर्की ने गाज़ा में युद्धविराम के बाद स्थिरीकरण बल में शामिल होने की इच्छा भी जताई थी.

समय और परिस्थितियों का महत्व
यह गिरफ्तारी वारंट ऐसे समय में जारी किया गया है जब 10 अक्टूबर 2025 को गाज़ा में हाल ही में हुए संवेदनशील युद्धविराम समझौते को मुश्किल से एक महीना ही हुआ है. इसलिए तुर्की के इस कदम को कई विशेषज्ञ कूटनीतिक दृष्टि से “साहसिक किंतु विवादास्पद” मान रहे हैं.

हमास की प्रतिक्रिया
इसी बीच, हमास ने तुर्की के इस निर्णय का स्वागत किया है. संगठन ने बयान जारी करते हुए कहा, “यह कदम तुर्की की जनता और उसकी नेतृत्व की फिलिस्तीन के प्रति सच्ची निष्ठा को दर्शाता है.” हमास ने इस वारंट को “न्याय के पक्ष में एक ऐतिहासिक कदम” बताया. तुर्की द्वारा जारी यह गिरफ्तारी वारंट न केवल मध्य पूर्व की कूटनीति में नया अध्याय जोड़ता है, बल्कि यह इज़राइल-तुर्की संबंधों को भी नई परीक्षा में डालता है. यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार और युद्ध अपराधों को लेकर होने वाली बहस को और तेज कर सकता है.

calender
08 November 2025, 03:48 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag