श्रीनगर में सनसनी: डॉक्टर के लॉकर से मिली AK-47 राइफल, Arms Act के तहत दर्ज हुआ मामला
श्रीनगर में सनसनी तब फैल गई जब अनंतनाग के पूर्व सरकारी डॉक्टर अदील अहमद रदर के लॉकर से AK-47 राइफल बरामद हुई. पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर UAPA और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में उस समय हड़कंप मच गया, जब अनंतनाग के पूर्व सरकारी डॉक्टर अदील अहमद रदर के लॉकर से AK-47 राइफल बरामद की गई. यह बरामदगी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि यह घटना सुरक्षा व्यवस्था और आतंकी नेटवर्क से जुड़ी गंभीर आशंकाओं को जन्म देती है.
अनंतनाग के निवासी हैं डॉक्टर
कई धाराओं के साथ एफआईआर
इस मामले में पुलिस थाना नौगाम में एफआईआर नंबर 162/2025 दर्ज की गई है. आरोपी के खिलाफ भारतीय शस्त्र अधिनियम (Arms Act) की कई धाराओं के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम – UAPA के प्रावधानों के तहत भी केस दर्ज किया गया है.
हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ शुरू
श्रीनगर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारी डिजिटल डेटा, हथियार से जुड़े भौतिक सबूत और अन्य संभावित दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं. बरामद AK-47 राइफल यह संकेत देती है कि संवेदनशील स्थानों जैसे सरकारी संस्थानों का भी हथियारों को छिपाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
राज्य पुलिस के साथ NIA भी सक्रिय
मामले की गंभीरता को देखते हुए, राज्य पुलिस के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं. जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि डॉक्टर किसी आतंकी संगठन या नेटवर्क से संपर्क में थे या नहीं. सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि हथियार कहां से लाया गया और इसका इस्तेमाल कहां होना था.
सुरक्षा पर असर और पुलिस की सतर्कता
यह मामला जम्मू-कश्मीर की कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत देता है. पुलिस ने कहा है कि ऐसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जो भी लोग आतंकवाद या देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
डॉक्टर के लॉकर से AK-47 की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है. यह घटना न केवल आतंकवाद के छिपे नेटवर्क की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सुरक्षित संस्थानों के भीतर भी सुरक्षा जांच को और मजबूत करने की आवश्यकता है. पुलिस और जांच एजेंसियां मामले की गहराई तक जाकर हर पहलू की जांच कर रही हैं ताकि प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके.


