पाकिस्तान के पीएम से न हुआ कुछ तो सेना और ISI ने संभाली कमान, शहबाज शरीफ को आर्मी हेडक्वार्टर बुलाकर पूछा- क्या है तैयारी?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया से पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ISI मुख्यालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ आपात बैठक की. बैठक में पारंपरिक और हाइब्रिड युद्ध रणनीतियों पर चर्चा हुई. भारत ने हमले के जिम्मेदारों को सज़ा देने का संकल्प लिया, जिससे पाकिस्तान दबाव में आ गया. वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला, उल्टा तीखे सवालों का सामना करना पड़ा.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से लिए गए सख्त कदमों ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. भारतीय नेतृत्व द्वारा दिए गए स्पष्ट संदेशों के बाद पाकिस्तान में सैन्य और राजनीतिक हलकों में गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं. हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि मंगलवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) मुख्यालय पहुंचकर देश की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की.
ISI मुख्यालय में हाई-लेवल रणनीतिक बैठक
रिपोर्ट के मुताबिक, इस महत्वपूर्ण बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ डिप्टी पीएम इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के साथ-साथ नौसेना और वायुसेना के प्रमुख भी मौजूद थे. यह मीटिंग अचानक बुलाई गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान मौजूदा स्थिति को लेकर कितना असहज है. बैठक में पारंपरिक और हाइब्रिड युद्ध रणनीतियों पर चर्चा की गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तानी प्रशासन किसी संभावित कार्रवाई की आशंका को लेकर सक्रिय हो गया है.
भारत ने दिखाया सख्त रवैया
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा कि हमले के जिम्मेदार आतंकियों और उन्हें समर्थन देने वालों को माफ नहीं किया जाएगा. इस बयान के बाद से ही पाकिस्तान की स्थिति डगमगा गई है. एक ओर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को ‘शांति प्रिय’ और ‘पीड़ित’ के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं सेना और खुफिया एजेंसियां आपात बैठकों में जुटी हैं.
शहबाज शरीफ के बयान में दिखी घबराहट
आईएसआई मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान शहबाज शरीफ ने पाक सेना की तारीफ करते हुए उन्हें देश की सुरक्षा का गारंटर बताया. हालांकि, इसके साथ ही पाक प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में भारत की रणनीति को ‘आक्रामक’ करार दिया गया. यह बयान पाकिस्तानी प्रशासन की दुविधा और डर को दर्शाता है.
संयुक्त राष्ट्र में भी झटका
इस बीच पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका तब लगा जब वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से समर्थन पाने में विफल रहा. पाक ने इस मंच पर खुद को निर्दोष दिखाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा परिषद ने उल्टा पाकिस्तान से ही तीखे सवाल पूछ लिए. परिषद के कुछ सदस्यों ने स्पष्ट रूप से पूछा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों की भूमिका पर सरकार क्या जवाब देगी.


