कौन हैं सोहम पारेख, जिनपर अमेरिका की कई स्टार्टअप्स कंपनियों ने एक साथ लगाए आरोप?
भारत में रहने वाले सोहम पारेख पर अमेरिका की कई स्टार्टअप्स के संस्थापकों ने आरोप लगाए हैं कि उन्होंने बिना जानकारी दिए एक साथ कई कंपनियों में काम किया।

Soham Parekh: सिलिकॉन वैली में एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सोहम पारेख सुर्खियों में आए हैं. उन पर पांच अमेरिकी स्टार्टअप्स के संस्थापकों द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जिनमें एक साथ कई कंपनियों में काम करने और फर्जी क्रेडेंशियल्स के आधार पर नौकरियां हासिल करने की बात शामिल है. यह मामला तकनीकी उद्योग में नैतिकता के सवाल के उठा रहा है. सोहम पारेख की कहानी ने न केवल अमेरिका बल्कि भारत में भी चर्चा का केंद्र बन गया है. पूर्व मिक्सपैन सीईओ सुहैल दोशी द्वारा शुरू की गई इस विवादास्पद कहानी ने कई स्टार्टअप्स को झकझोर कर रख दिया है.
सोहम पारेख कौन हैं?
सोहम पारेख एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जिन्हें उनकी शानदार शैक्षणिक योग्यता और तकनीकी कौशल के लिए जाना जाता है. लेकिन फिलहाल उनपर लगे आरोपों ने उनकी छवि पर कई सवाल उठा दिया है. पारेख पर आरोप है कि उन्होंने एक साथ कई सिलिकॉन वैली स्टार्टअप्स में काम किया और फर्जी दावों के आधार पर नौकरियां हासिल कीं.
विवाद कैसे शुरु हुआ
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मिक्सपैन के पूर्व सीईओ सुहैल दोशी ने दावा किया कि सोहम पारेख ने कई वाईसी (Y Combinator) कंपनियों को निशाना बनाया. दोशी के अनुसार, पारेख ने अपनी टैलेंटेड बातचीत और क्रेडेंशियल्स के दम पर कई स्टार्टअप्स में नौकरियां हासिल कीं, कई अन्य कंपनियों ने भी इसी तरह की बात कही है. जिसमें पारेख पर स्टैंडअप मीटिंग्स छोड़ने और अपने सीवी में झूठ बोलने का आरोप लगाया गया है.
एक साथ कई स्टार्टअप्स में काम
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हुए एक पोस्ट में दावा किया गया कि पारेख एक साथ चार से पांच स्टार्टअप्स में काम कर रहे थे. पोस्ट में कहा गया, “सोहम पारेख ने एक साथ +5 स्टार्टअप्स में काम किया. स्टैंडअप्स छोड़ दिए, सीवी में झूठ बोला. सभी से पूरा-पूरा वेतन लिया और एक साल तक यह सिलसिला चलता रहा.” इस तरह की गतिविधियों ने स्टार्टअप्स को वित्तीय और नैतिक नुकसान पहुंचाया.
सोहम पारेख का जवाब
सोहम पारेख ने इन आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “मेरे बारे में अभी बहुत कुछ कहा जा रहा है. और आप में से ज्यादातर लोग पूरी कहानी नहीं जानते. अगर मेरे बारे में एक बात जाननी है. तो वह यह है कि मुझे बनाना पसंद है. बस इतना ही. मुझे लगभग हर उस व्यक्ति और कंपनी ने अलग-थलग कर दिया, जिन्हें मैं जानता था और जिनके साथ मैंने काम किया.” यह बयान उनके पक्ष को सामने लाता है, फिर भी विवाद शांत होने का नाम नही ले रहा है.
फिलहाल सोहम पारेख का मामला अभी जांच के दायरे में है, और इसके परिणाम तकनीकी उद्योग में बदलाव ला सकते हैं. यह घटना स्टार्टअप्स के लिए एक सबक है कि वे अब से कर्मचारी भर्ती और वीजा नियमों के पालन में अधिक सावधानी बरतेंगे.


