बिना चुनाव सत्ता में क्यों रहना चाहते हैं यूनुस? सेना बोली- अब और बर्दाश्त नहीं!
बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव चरम पर है. विरोधी दल और श्रमिक संगठन चुनाव की तारीख घोषित करने की मांग कर रहे हैं. राजधानी ढाका में प्रदर्शन तेज हैं. सेना ने भी चेतावनी दी है कि जल्द चुनाव कराए जाएं. अगला हफ्ता देश के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए अहम होगा.

बांग्लादेश एक बार फिर से सत्ता के संघर्ष में उलझ गया है. देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता जा रहा है. देश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने खुले तौर पर यूनुस की नीतियों को खारिज कर दिया है. अब खबरें हैं कि यूनुस सत्ता में बने रहने के लिए सड़कों पर अपनी ताकत दिखाने की तैयारी कर रहे हैं.
पिछले साल बांग्लादेश में बड़े जनविरोध और राजनीतिक संकट के बाद डॉ. यूनुस को अंतरिम सरकार की बागडोर सौंपी गई थी. उस समय सेना प्रमुख जनरल ज़मान ने कहा था कि यूनुस डेढ़ साल तक पद पर रहेंगे और तब तक देश में चुनाव करवा दिए जाएंगे.
सेना और यूनुस के बीच टकराव
सेना ने अंतरिम सरकार को सपोर्ट देने का वादा किया था और खुद को पीछे रहकर काम करने वाला बताया था. लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं. जनरल ज़मान का कहना है कि यूनुस सरकार ने नीतिगत फैसलों में सेना को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया है, जो स्वीकार्य नहीं है.
क्यों भड़का नया विवाद?
सेना प्रमुख ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यूनुस के "सुधार कार्यक्रम" को खारिज कर दिया है. उन्होंने साफ कहा कि अंतरिम सरकार का काम सिर्फ चुनाव कराना है, न कि देश के लिए बड़े-बड़े फैसले लेना. जनरल ज़मान ने चेतावनी दी कि देश की आंतरिक सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में सेना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि अब सेना किसी भी बाहरी दबाव या आंतरिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगी.
सेना की सख्त चेतावनी
बुधवार को दिए गए बयान में जनरल ज़मान ने कहा कि सेना को कोई भी अहम फैसला लेने से पहले भरोसे में लिया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो इससे देश की स्थिरता और संप्रभुता को खतरा हो सकता है. उन्होंने यह भी साफ किया कि सेना सत्ता हथियाने के पक्ष में नहीं है. बस वे चाहते हैं कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराए जाएं ताकि नई सरकार चुनी जा सके और फिर सेना वापस अपने काम में लग जाए.
आगे क्या होगा?
अब बांग्लादेश की राजनीति संवेदनशील मोड़ पर आ गई है. अगर यूनुस और सेना के बीच टकराव और बढ़ा, तो देश में एक बार फिर अराजकता फैल सकती है. इस बीच यूनुस का अगला कदम क्या होगा, इस पर सबकी नजर है.


