Yemen Attack on Israel: यमन ने इजराइल पर किए ड्रोन हमले, इजराइल डिफेंस फोर्सेस ने बताया असफल
यमन ने इजराइल पर ड्रोन हमले किए, जिनमें इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने तीन UAVs को इंटरसेप्ट किया. यह हमला उस समय हुआ जब इजराइल ने हूथी प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी को मार गिराया था. हूथियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में कई हमले किए हैं. इसके अलावा, लाल सागर में भी संघर्ष जारी है. अमेरिका और हूथियों के बीच समझौता भी हुआ था, लेकिन हूथियों ने इसे नकारा.

Yemen drone strike Israel : इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने रविवार को बताया कि यमन ने इजराइल की सीमा में बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए हैं. IDF ने दावा किया कि उसने तीन मानवरहित विमान (UAVs) को इंटरसेप्ट किया, जिनमें से दो को इजराइल सीमा में प्रवेश करने से पहले ही नष्ट कर दिया गया था. इसके बाद, इजराइल के दक्षिणी हिस्से में सायरन बजाए गए, जिससे निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की चेतावनी दी गई.
इजराइल हमले के बाद यमन ने किया हमला
हूथी समूह ने अपने हमलों को जारी रखा
हूथी विद्रोही समूह ने हमेशा फिलिस्तीन के संघर्ष के प्रति अपनी आवाज उठाई है और गाजा युद्ध के दौरान इजराइल के खिलाफ कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं. इन हमलों का उद्देश्य फिलिस्तीनी लोगों के प्रति अपनी एकजुटता को दिखाना था. हालांकि, अधिकांश हमलों को इजराइल की रक्षा प्रणालियों ने नष्ट कर दिया, फिर भी हूथी समूह ने अपने हमलों को जारी रखा है.
लाल सागर में भी संघर्ष जारी
यमन से यह संघर्ष केवल इजराइल की सीमा तक ही सीमित नहीं रहा. हूथियों ने लाल सागर में भी वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाया, यह आरोप लगाते हुए कि ये जहाज इज़राइल से जुड़े हुए थे. इसके जवाब में, इजराइल ने बार-बार हूथी-नियंत्रित क्षेत्रों, जैसे साना और होदीदाह के महत्वपूर्ण बंदरगाह शहरों पर हवाई हमले किए हैं. मई में एक हवाई हमले ने साना हवाई अड्डे को पूरी तरह से अनुपयोगी बना दिया था.
अमेरिका और हूतियों के बीच समझौता
अमेरिका ने मई में हूतियों के साथ एक समझौते की घोषणा की थी, जिसके तहत एयरस्ट्राइक उस समय रुक जाएंगी, जब तक हूती रेड सागर में जहाजों को निशाना नहीं बनाएंगे. हालांकि, हूतियों ने यह बयान दिया कि यह समझौता उन्हें उन लक्ष्यों पर हमला करने से रोकता नहीं है, जिन्हें वे इज़राइल से जुड़े हुए मानते हैं.
हूती विद्रोहियों और इजराइल के बीच बढ़ रहा संघर्ष
यमन के हूती विद्रोहियों और इजराइल के बीच यह संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है. फिलिस्तीन के प्रति समर्थन और इज़राइल के खिलाफ हमलों के चलते, यह मामला अब केवल सीमा पार के संघर्ष से कहीं बढ़कर एक क्षेत्रीय मुद्दा बन गया है. ड्रोन हमले और मिसाइल हमलों की बढ़ती संख्या से स्पष्ट है कि यह संघर्ष और भी गहरा सकता है.


