जेलेंस्की ने पेरिस में की यूरोपीय नेताओं से मुलाकात, रूस ने जारी की चेतावनी- कोई विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं
पेरिस में हुई बैठक में जेलेंस्की ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने की मांग की, वहीं रूस ने कड़ी चेतावनी दी. अमेरिका की भूमिका अनिश्चित बनी हुई है. नाटो ने रूस के दखल को खारिज किया. पुतिन-जेलेंस्की बैठक की अटकलें तेज हैं.

Paris summit: रूस के तीखे तेवरों और बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की ने पेरिस में एक मीटिंग में हिस्सा लिया, जिसमें करीब 30 पश्चिमी देशों के नेता शामिल हुए. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन में जारी युद्ध को समाप्त करने के संभावित रास्तों पर विचार करना और देश को दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी देना था. यह बैठक Coalition of the Willing यानी ‘इच्छुक गठबंधन’ के तहत आयोजित की गई थी, जिसमें यूरोपीय देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान ने भी भागीदारी की. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मेजबानी में हो रही इस बैठक में यूक्रेन को सैन्य और रणनीतिक समर्थन दिए जाने पर चर्चा हुई.
अमेरिकी भूमिका को लेकर संशय
बैठक में भाग ले रहे नेताओं, विशेष रूप से मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस बात पर जोर दिया कि यूरोप की किसी भी ठोस सैन्य पहल को संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग की जरूरत होगी. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बारे में कोई स्पष्ट आश्वासन देने से बचते नजर आए. उन्होंने न तो रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया और न ही यूक्रेन को सैन्य सहायता देने की ठोस बात कही. जेलेंस्की ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हम यूक्रेन के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी को हकीकत में बदल रहे हैं. मैं सभी देशों का समर्थन और सहभागिता के लिए आभार व्यक्त करता हूं.”
रूस ने दी कड़ी चेतावनी
इस बैठक के दौरान रूस ने कड़ा विरोध दर्ज किया. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि पश्चिम यूक्रेन को एक सैन्य प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, और हम यूक्रेन में किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेंगे. रूस पहले भी यूक्रेन में पश्चिमी देशों की सैन्य भागीदारी के किसी भी प्रस्ताव को अस्वीकार करता रहा है.
नाटो का सख्त रुख
रूस की चेतावनियों को खारिज करते हुए नाटो महासचिव मार्क रूटे ने स्पष्ट किया कि रूस यह तय नहीं कर सकता कि पश्चिमी देश यूक्रेन में सैन्य बल तैनात करेंगे या नहीं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन एक संप्रभु राष्ट्र है, और इस पर निर्णय लेने का अधिकार रूस को नहीं है.
पुतिन-जेलेंस्की मुलाकात की अटकलें
इन सबके बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह ज़ेलेंस्की से मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन सवाल उठाया कि क्या ज़ेलेंस्की अब भी कोई वास्तविक नेता हैं. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट कर लेंगे. उन्होंने ओवल ऑफिस में कहा कि मैं जल्दी ही बात करूंगा और स्थिति साफ हो जाएगी कि हम क्या करने जा रहे हैं.


