भारत-सिंगापुर की बड़ी साझेदारी, रक्षा से लेकर सेमीकंडक्टर तक बनी अहम सहमति
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग तीन दिन के भारत दौरे पर हैं। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग, सेमीकंडक्टर उद्योग, हरित-डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे बड़े मुद्दों पर समझौते किए।

International News: दिल्ली में पीएम मोदी और पीएम वोंग की बैठक ने भारत-सिंगापुर रिश्तों में नई जान डाल दी। दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि भविष्य की साझेदारी का रोडमैप कहा। यहां रक्षा, तकनीक और निवेश पर खुलकर बात हुई। दोनों देशों के रिश्तों को और मज़बूत बनाने का संकल्प लिया गया। बैठक में दोनों पक्षों ने माना कि रक्षा सहयोग सबसे अहम क्षेत्र है। थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच साझा प्रशिक्षण और तकनीकी मदद बढ़ाने पर सहमति बनी। रक्षा उपकरणों और तकनीक में सहयोग का नया रास्ता खोलने की बात भी तय हुई। इससे दोनों देशों की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।
भारत और सिंगापुर ने सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर खास ध्यान दिया। पहले हुए समझौते को आगे बढ़ाते हुए निवेश, व्यापार और कौशल विकास पर काम करने का निर्णय हुआ। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों की कंपनियां मिलकर आगे बढ़ेंगी। यह क्षेत्र आने वाले वक्त में सबसे बड़ा सहयोग साबित हो सकता है।
हरित और डिजिटल कॉरिडोर
बैठक में हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर पर समझौता हुआ। इसका मकसद ज़ीरो-एमिशन ईंधन आपूर्ति श्रृंखला तैयार करना है। इस कदम से समुद्री उद्योग को फायदा होगा और प्रदूषण पर भी काबू पाया जा सकेगा। यह समझौता भविष्य में स्थायी विकास की दिशा तय करेगा।
अंतरिक्ष और डिजिटल इनोवेशन
भारत पहले ही सिंगापुर के 18 उपग्रह लॉन्च कर चुका है। अब दोनों देशों ने अंतरिक्ष तकनीक और स्टार्टअप्स पर साझेदारी बढ़ाने का फैसला किया है। इसके साथ ही डिजिटल परिसंपत्ति नवाचार और केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी पर भी एमओयू साइन हुए। इससे फिनटेक और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बड़ा बदलाव आएगा।
व्यापारिक रिश्तों का विस्तार
दोनों नेताओं ने इस बात पर खुशी जताई कि 2004-05 में जहां दोनों देशों का व्यापार 6.7 बिलियन डॉलर था, वहीं अब यह 35 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। निवेश के और बढ़ने की संभावना जताई गई। साथ ही सीईसीए और आसियान-भारत व्यापार समझौते की समीक्षा करने पर सहमति बनी।
पांच अहम समझौते हुए
बैठक में कुल पांच समझौते हुए। इनमें हरित-डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर, अंतरिक्ष सहयोग, नागरिक उड्डयन प्रशिक्षण, डिजिटल परिसंपत्ति इनोवेशन और चेन्नई में एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना शामिल है। ये सभी समझौते आने वाले समय में भारत और सिंगापुर की साझेदारी को नई ऊंचाई देंगे।


