दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा से बचने के लिए घर के अंदर भी जरूरी हो गया है एयर प्यूरीफायर लगवाना
बढ़ता हुआ एयर पॉल्यूशन अब बाहर की सैर को धुएं की सिगरेट पीने जैसा बना दिया है. हर सांस के साथ जहर अंदर जा रहा है. लोग सोचते हैं हम घर में तो हम सुरक्षित हैं, दरवाजा बंद कर लो, बस हो गया. लेकिन सच ये है कि जब बाहर का AQI 300-400 पार कर जाए, तो वो जहरीली हवा खिड़कियों-दरवाजों के छोटे-छोटे गैप से घर में घुसना तो तय ही है.

नई दिल्ली: भारत के कई शहरों में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो गई है, खासकर दिल्ली और एनसीआर में. यहां हवा में प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स कई इलाकों में 400 के पार पहुंच चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है. इस प्रदूषण से सिर्फ सांस संबंधी बीमारियां नहीं होतीं, बल्कि यह आंखों और त्वचा को भी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में हवा को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग अब एक जरूरी विकल्प बन गया है.
जब AQI स्तर इतना अधिक हो, तो न केवल बाहर बल्कि घर के अंदर भी हवा शुद्ध नहीं रहती है. ऐसे हालात में, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल एक आवश्यक उपकरण बन गया है और अब इसे ऑफिसों में भी लगाया जाने लगा है. यह हवा में मौजूद हानिकारक कणों, धूल, धुएं और बैक्टीरिया को फिल्टर करता है, जिससे साफ हवा मिलती है. तो आइए जानते हैं कि किसे अपने घर में एयर प्यूरीफायर जरूर लगवाना चाहिए.
एयर प्यूरीफायर किसे लगवाना चाहिए?
फेलिक्स हॉस्पिटल के CMD, डॉक्टर डीके गुप्ता का कहना है कि प्रदूषण के स्तर के कारण, अब एयर प्यूरीफायर हर घर की जरूरत बन गया है. खासकर उन घरों में जहां 10 साल तक के बच्चे हैं, क्योंकि बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं. अगर बच्चे ऐसी प्रदूषित हवा में रहते हैं, तो इससे उनके लंग्स डैमेज हो सकते हैं. इसलिए अगर घर में छोटे बच्चे हैं और आप इसे अफोर्ड कर सकते हैं, तो एयर प्यूरीफायर जरूर लगवाएं.
प्रदूषण से होने वाली बीमारियां
डॉक्टर के अनुसार, प्रदूषण का प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है. यदि बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए ध्यान नहीं दिया गया, तो आगे चलकर उन्हें सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज), अस्थमा और अन्य फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. यहां तक कि लंग्स कैंसर के खतरे भी बढ़ जाते हैं. इसलिए, एयर प्यूरीफायर एक सुरक्षा उपकरण की तरह काम करता है.
इन लोगों के लिए भी जरूरी है एयर प्यूरीफायर
अगर आपके घर में बच्चों के अलावा बुजुर्ग लोग, अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति हैं, तो आपके लिए एयर प्यूरीफायर लगवाना और भी जरूरी हो जाता है. प्रदूषण की वजह से इन लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं. एयर प्यूरीफायर न सिर्फ प्रदूषण से बचाता है, बल्कि यह पेट्स के बाल, बैक्टीरिया, वायरस और रसोई में निकलने वाले धुएं से भी सुरक्षा प्रदान करता है.
प्रदूषण से बचने के उपाय
प्रदूषण के समय में कुछ अहम सावधानियां बरतना जरूरी है:-
बाहर कम से कम निकलें: प्रदूषण के दौरान सुबह और शाम के वक्त बाहर नहीं निकलना चाहिए, खासकर अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है.
रोजाना एक्सरसाइज करें: ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. यह शरीर को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने में सहायक होते हैं.
N95 मास्क का इस्तेमाल करें: अगर आपको बाहर जाना पड़े, तो हमेशा N95 मास्क पहनें, जो प्रदूषण को रोकने में मदद करता है.
स्वस्थ आहार अपनाएं: अच्छे स्वास्थ्य के लिए फल, पानी, ताजे जूस और सूप का सेवन करें. यह शरीर को हाइड्रेट रखते हुए इम्यूनिटी को मजबूत करता है.
अच्छी नींद लें: कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है, ताकि शरीर खुद को ठीक से रिपेयर कर सके.
इंडोर प्लांट्स लगाएं: घर में हवा को शुद्ध रखने के लिए कुछ इंडोर प्लांट्स जैसे मनी प्लांट, स्नेक प्लांट और एलोवेरा लगाए जा सकते हैं.
स्वास्थ्य की निगरानी करें: अगर घर में कोई अस्थमा या डायबिटीज का मरीज है, तो उसकी सेहत की नियमित निगरानी करनी चाहिए. किसी भी समस्या के होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.


