अगर आप ये छोटी-छोटी बातें करेंगे तो 50 साल बाद भी आपका दिमाग तेज रहेगा..!
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम होने की संभावना होती है. हालाँकि, आप कुछ सरल दिनचर्या का पालन करके अपने मस्तिष्क को सक्रिय रख सकते हैं. नई चीजें सीखना, ध्यान करना, व्यायाम करना और दिमागी खेल खेलना जैसी आदतें मस्तिष्क को सक्रिय बनाती हैं. ये भूलने की बीमारी को रोकने में मदद करते हैं.

लाइफ स्टाइल न्यूज. उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम होती जाती है. स्मरण शक्ति कम हो जाती है. भूलने की बीमारी भी हो सकती है. लेकिन आप कुछ छोटे-छोटे कार्यों से अपने मस्तिष्क को सक्रिय रख सकते हैं. यदि आप इन आदतों का पालन करेंगे तो मस्तिष्क बेहतर ढंग से कार्य करेगा, विशेषकर 50 वर्ष की आयु के बाद. हर दिन कुछ नया सीखने से मस्तिष्क सक्रिय रहता है. नई चीजें सीखने से आप भुलक्कड़ होने से बच जाते हैं. मस्तिष्क काम करने में पहल करता है. यह रोजमर्रा की जिंदगी में ऊर्जा देता है. अपने मस्तिष्क को मजबूत रखने के लिए दिमागी खेल खेलना अच्छा है. शतरंज और पहेलियाँ जैसे खेल मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं. इनसे सोचने की शक्ति बढ़ती है. ये खेल खेलने में मज़ेदार हैं. वे मस्तिष्क को शारीरिक रूप से थके बिना कम समय में काम करने की अनुमति देते हैं.
ध्यान और व्यायाम का महत्व
प्रतिदिन थोड़ी देर ध्यान करना मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इससे तनाव कम होता है. मन शांत है. ध्यान बढ़ता है. स्मरण शक्ति बढ़ती है. मुझे अपने बचपन की बातें भी याद हैं. रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए व्यायाम आवश्यक है. प्रतिदिन पैदल चलना, तैरना और योग करना मस्तिष्क को मजबूत बनाता है. यह पूरे शरीर के लिए भी अच्छा है. मस्तिष्क अच्छी तरह काम करता है. इसका प्रदर्शन स्थिर है.
बातचीत से मानसिक स्वास्थ्य
आपको कुछ कार्य अपने सामान्य हाथ के बजाय दूसरे हाथ से करने चाहिए. उदाहरण के लिए, दांत साफ करने जैसे छोटे-छोटे कार्य भी मस्तिष्क को नये अनुभव प्रदान कर सकते हैं. यह मज़ेदार लगता है लेकिन इसका मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. लोगों से सीधे बात करने से तनाव कम होता है. मस्तिष्क सक्रिय रूप से काम करता है. स्मरण शक्ति अच्छी रहेगी. मन प्रसन्न रहेगा. अगर आप हर दिन इस तरह बात करने की आदत बना लें तो मानसिक समस्याएं कम हो जाएंगी.
मस्तिष्क के लिए अच्छी आदतें
हर दिन कुछ न कुछ लिखना मस्तिष्क के लिए बहुत अच्छा है. जर्नलिंग भी एक अच्छी आदत है. छोटी-छोटी बातें भी नियमित रूप से लिखनी चाहिए. ऐसा करने से मस्तिष्क सक्रिय रहता है. किताब पढ़ने और अखबार पढ़ने से मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इससे ज्ञान बढ़ता है. पढ़ने से 50 की उम्र में भी मस्तिष्क स्वस्थ रहता है. इससे भूलने की बीमारी कम होती है. ऐसी कुछ छोटी-छोटी आदतों का प्रतिदिन अभ्यास करें. आपका मस्तिष्क सदैव सक्रिय रहेगा. यह मुख्य रूप से स्वस्थ जीवन जीने में उपयोगी है.


