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क्या जिम में वजन उठाते समय शरीर के इन खास हिस्से में होता है दर्द? कही डेस्क जॉब तो नहीं इसकी वजह

लंबे समय तक डेस्क पर बैठे रहने से शरीर के कुछ अंग में दर्द हो जाते हैं. ऐसे में अचानक से जिम में भारी वजन उठाने की कोशिश करना आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

What are isolation exercises: आजकल अधिकांश नौकरी-पेशा लोग लंबे समय तक डेस्क पर बैठे रहते हैं, जिससे शरीर के कुछ हिस्से कमजोर और अकड़े हुए हो जाते हैं. इस वजह से जिम में भारी वजन उठाने पर अचानक से मांसपेशियों में दर्द होने लगता है, जो किसी भी फिटनेस शख्स के लिए चिंता का विषय हो सकता है. लेकिन इस समस्या का समाधान है. आइसोलेशन एक्सरसाइज़. इन एक्सरसाइज़ का पालन करने से आप उन मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं, आइसोलेशन एक्सरसाइज़ उसी कमजोरी को दूर करने का सबसे शानदार तरीका है.

आइसोलेशन एक्सरसाइज

आइसोलेशन एक्सरसाइज़ का अर्थ होता है एक समय में एक मांसपेशी या मांसपेशी समूह पर काम करना. यह आपको उस विशेष मांसपेशी को ठीक से काम करने का अवसर देता है. उदाहरण के लिए, अगर किसी एक मांसपेशी में दर्द महसूस हो रहा है, तो आइसोलेशन एक्सरसाइज़ के माध्यम से आप उसे और मजबूत बना सकते हैं.

कंपाउंड एक्सरसाइज और आइसोलेशन एक्सरसाइज में फर्क

कंपाउंड एक्सरसाइज़ में एक साथ कई मांसपेशियां और जोड़ों पर काम किया जाता है, जैसे कि स्क्वैट्स या डेडलिफ्ट्स. ये एक्सरसाइज़ फिटनेस के लिए बेहतरीन मानी जाती हैं, क्योंकि ये शरीर को पूरी तरह से मजबूत करती हैं और कैलोरी बर्न करने में मदद करती हैं. वहीं, आइसोलेशन एक्सरसाइज़ में एक ही मांसपेशी पर फोकस किया जाता है, जिससे उसकी मजबूती में सुधार किया जा सकता है. दोनों की अपने-अपने फायदे है और इन्हें एक साथ किया जाना चाहिए.

कंधे के दर्द को ठीक करने के लिए आइसोलेशन एक्सरसाइज़

अगर जिम में भारी वजन उठाने के दौरान कंधे में दर्द महसूस हो रहा है, तो इसका मतलब है कि कंधों की मांसपेशियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके लिए आप डम्बल शोल्डर प्रेस, प्लैंक डम्बल शोल्डर रेज और फ्रंट बारबेल रेज जैसे वर्कआउट कर सकते हैं, जो कंधों को मजबूत करने में मदद करते हैं.

पेट की चर्बी कम करने के लिए आइसोलेशन एक्सरसाइज़

अगर आप पेट की चर्बी को कम करने के लिए वर्कआउट कर रहे हैं तो आइसोलेशन एक्सरसाइज़ जैसे वी-अप, साइकिल क्रंचेस और प्लैंक का सहारा लें. इनसे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर की चर्बी भी कम होती है.इसके अलावा, बेली फैट कम करने या पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए आप पुल-अप, स्क्वैट्स, लेग प्रेस, बल्गेरियाई स्प्लिट स्क्वैट, ग्लूट ब्रिज, बारबेल हिप थ्रस्ट, वॉकिंग लंजेस, लेग कर्ल, सिंगल-लेग डेडलिफ्ट जैसे वर्कआउट कर सकते हैं. ये सभी आइसोलेशन एक्सरसाइज़ के अंतर्गत आते हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों को टोन करने में मदद करते हैं.

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11 July 2025, 03:07 PM IST

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