score Card

कैनवास पर जीवित जड़ सेतु और हिमालय की अनमोल खूबसूरती ने कला जगत को किया मंत्रमुग्ध

Delhi Art Exhibition: दिल्ली के मंडी हाउस स्थित ललित कला अकादमी में लगी प्रदर्शनी में कलाकार प्रतिभा अवस्थी ने अपनी पेंटिंग्स से हिमालय और मेघालय की दुर्लभ खूबसूरती को जीवंत कर दिया.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Delhi Art Exhibition: दिल्ली के मंडी हाउस स्थित ललित कला अकादमी में लगी प्रदर्शनी में कलाकार प्रतिभा अवस्थी ने अपनी पेंटिंग्स से हिमालय और मेघालय की दुर्लभ खूबसूरती को जीवंत कर दिया.

हिमालय की वादियां कैनवास पर

ललित कला अकादमी दिल्ली में इन दिनों कलाकार प्रतिभा अवस्थी की प्रदर्शनी बियॉन्ड द वर्ड चर्चा में है. उनकी पेंटिंग्स देखने वाले को सीधे पहाड़ों और घाटियों की सैर कराती हैं. झरनों की आवाज, घने जंगलों का रंग और ऊँचे पहाड़ जैसे कैनवास से बाहर आकर सामने खड़े हों. उनकी कला दर्शकों को रुककर प्रकृति की गहराई में उतरने को मजबूर कर देती है.

Delhi Art Exhibition
Delhi Art Exhibition

यात्रा से मिली प्रेरणा

प्रतिभा अवस्थी ने जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड और असम-मेघालय तक की यात्राएं की हैं. वहां की अनछुई खूबसूरती और प्राकृतिक चमत्कारों को उन्होंने अपनी पेंटिंग्स में उतारा. यह केवल कला नहीं बल्कि प्रकृति के साथ उनका संवाद है. विशेषकर मेघालय के जीवित जड़ सेतु ने उनकी कला को नई दिशा दी, जो बहुत कम लोग करीब से देख पाते हैं.

Delhi Art Exhibition
Delhi Art Exhibition

जीवित जड़ सेतु का जादू

मेघालय के जीवित जड़ सेतु उनकी पेंटिंग्स का खास आकर्षण हैं. खासी और जयंतिया जनजातियां इन्हें जड़ों को जोड़कर बनाती हैं, जो सैकड़ों साल तक मजबूत रहते हैं. यह सेतु सिर्फ पुल नहीं बल्कि जनजातीय संस्कृति का प्रतीक भी हैं. प्रतिभा ने इन्हें इस तरह कैनवास पर उतारा कि दिल्ली का दर्शक भी उनकी गहराई को महसूस कर सके.
यही वजह है कि दर्शक उनकी पेंटिंग्स को देखकर चकित रह जाते हैं. इन चित्रों में परंपरा और प्रकृति का अद्भुत मेल दिखाई देता है. कला प्रेमी मानते हैं कि इनसेतु भारत की अनमोल धरोहर हैं.

शब्दों से परे रंग

इस प्रदर्शनी का नाम बियॉन्ड द वर्ड इसलिए रखा गया है क्योंकि शब्द अक्सर प्रकृति का असली रूप नहीं दिखा पाते. उनकी पेंटिंग्स में हरे रंग की गहराई और बदलते मौसम की झलक शब्दों से कहीं ज्यादा कह जाती है. कला प्रेमियों ने माना कि उनके काम में प्रकृति का वो पहलू दिखता है जिसे देखना आसान नहीं.
प्रदर्शनी देखने आए लोग कहते हैं कि हर चित्र में प्रकृति सांस लेती दिखती है. रंगों की यह भाषा शब्दों से कहीं ज्यादा ताक़तवर है. दर्शक मानते हैं कि कलाकार की संवेदनशीलता चित्रों को जीवंत बना देती है.

कलाकारों ने की सराहना

दिल्ली के वरिष्ठ कलाकारों और समीक्षकों ने भी प्रतिभा की मेहनत और सोच की तारीफ की. राजेश शर्मा ने कहा कि वह लंबे समय से प्रकृति पर शानदार काम कर रही हैं. वरिष्ठ कलाकार अखिलेश निगम के अनुसार उनकी पेंटिंग्स संवेदनशीलता और गहरी सोच की मिसाल हैं. हरियाणा विधानसभा के सलाहकार राम नारायण यादव ने उन्हें प्रकृति की भव्यता का चित्रकार बताया.
यह सराहना बताती है कि उनकी कला सिर्फ सुंदर नहीं बल्कि गहरी सोच का परिणाम है. कई वरिष्ठों ने माना कि यह काम भारतीय कला जगत को नया आयाम देगा. उनके चित्रों ने अनुभवी कलाकारों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया.

धरोहर को सहेजने का संदेश

प्रतिभा ने सिर्फ पेंटिंग नहीं बनाई बल्कि एक संदेश दिया कि इस धरोहर को बचाना जरूरी है. जीवित जड़ सेतु जनजातीय जीवन का हिस्सा हैं और अब विलुप्त होने लगे हैं. उनकी पेंटिंग्स बताती हैं कि इन धरोहरों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना कितना जरूरी है. उनकी कला संरक्षण और संवेदनशीलता का एक माध्यम बनती जा रही है.
उनकी कला एक चेतावनी भी है कि यदि आज यह धरोहर नहीं बचाई गई तो आने वाले समय में इतिहास अधूरा रह जाएगा. दर्शक भी मानते हैं कि यह कला सिर्फ आंखों का सुख नहीं बल्कि जिम्मेदारी का संदेश है.

छुपी खूबसूरती से दुनिया को जोड़ना

अक्सर जब भारत के पर्यटन की बात होती है तो उत्तर-पूर्व का जिक्र पीछे छूट जाता है. लेकिन प्रतिभा ने अपनी पेंटिंग्स के जरिए इस हिस्से को नई पहचान दी. वह मानती हैं कि भारत की संस्कृति, परंपरा और पहचान बिना इन इलाकों को समझे अधूरी है. उनकी प्रदर्शनी दर्शकों को बताती है कि प्रकृति का यह हिस्सा कितना अनमोल और चमत्कारिक है.
इस तरह उनकी पेंटिंग्स न सिर्फ कला प्रेमियों बल्कि आम लोगों को भी उत्तर-पूर्व से जोड़ती हैं. प्रदर्शनी देखने वाले कहते हैं कि उन्होंने पहली बार इन धरोहरों के बारे में सुना. यही उनका सबसे बड़ा योगदान माना जा रहा है.

calender
15 October 2025, 01:29 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag