Karwa Chauth 2025: जानें आपके शहर में कब निकलेगा चांद, सही समय पर खोलें व्रत
Karwa Chauth Moon Time 2025: करवा चौथ के पावन व्रत में चंद्रमा के दर्शन और पूजन का विशेष महत्व होता है जो अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देता है. जानिए दिल्ली, देहरादून, कानपुर, कोलकाता सहित प्रमुख शहरों में चांद निकलने का सटीक समय.

Karwa Chauth Moon Time 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जल रखती हैं. इस दिन पूरे दिन उपवास रखने के बाद रात को चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का पारायण किया जाता है.
इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को यह पवित्र व्रत रखा गया है. इस दिन महिलाएं शाम के समय करवा माता की विधिपूर्वक पूजा करती हैं और फिर चंद्रमा के उदय का बेसब्री से इंतजार करती हैं. चांद देखने और अर्घ्य देने के बाद ही वे अपना व्रत खोलती हैं. ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि आपके शहर में चंद्रोदय का सटीक समय क्या है.
करवा चौथपर शहरों के अनुसार चांद निकलने का समय
यहां देश के प्रमुख शहरों में करवा चौथ के दिन चंद्रमा के उदय का समय दिया गया है, ताकि आप सही समय पर पूजा कर सकें और व्रत खोल सकें:
शहर का नाम चांद निकलने का समय
मुंबई रात 08:55 बजे
कोलकाता सायं 07:42 बजे
चेन्नई रात 08:38 बजे
देहरादून रात 08:05 बजे
चंडीगढ़ रात 08:09 बजे
जयपुर रात 08:23 बजे
पटना रात 07:48 बजे
जम्मू रात 08:11 बजे
गांधीनगर रात 08:46 बजे
अहमदाबाद रात 08:47 बजे
शिमला रात 08:06 बजे
भोपाल रात 08:26 बजे
लखनऊ रात 08:02 बजे
कानपुर रात 08:06 बजे
गोरखपुर सायं 07:52 बजे
प्रयागराज रात 08:02 बजे
नोएडा रात 08:12 बजे
गुरुग्राम रात 08:14 बजे
हरिद्वार रात 08:05 बजे
इंदौर रात 08:34 बजे
भुवनेश्वर सायं 07:58 बजे
रायपुर रात 08:01 बजे
करवा चौथ पर चंद्रोदय का महत्व
करवा चौथ व्रत में चंद्रोदय का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि व्रत रखने वाली महिलाएं इसी पल का इंतजार करती हैं. चंद्रमा को छलनी से देखने के बाद ही वे जल ग्रहण करती हैं, इसलिए सही समय पर चंद्रमा का दर्शन करना पूजा की संपूर्णता के लिए अनिवार्य है.
व्रत खोलने से पहले करें यह कार्य
करवा माता की पूजा करें, चंद्रमा को अर्घ्य दें, चंद्रमा को देख पति का दर्शन करें, फिर व्रत खोलें
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


