50 की उम्र के बाद भी दिमाग को रखे तरो-ताजा, वैज्ञानिकों ने खोजा ये अनोखा तरीका
50 की उम्र में भी दिमाग को चुस्त-दुरुस्त और जोश से भरा रखना चाहते हैं तो कुछ पुराने शौकों को फिर से जीवंत करें या कुछ नए शौक अपना ले. चाहे वो किताबें पढ़ना हो, गार्डनिंग करना हो, या नई भाषा सीखना हो, ये मजेदार तरीके आपके दिमाग को तेज और सक्रिय रख सकते हैं.

How to Improve Memory at Old Age: क्या आप चाहते हैं कि आपका दिमाग हमेशा तेज और चुस्त बना रहे? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए आपको दवाइयों या भारी-भरकम रूटीन की जरूरत नहीं बल्कि कुछ छोटे-छोटे शौक ही आपकी ब्रेन हेल्थ को मजबूत बना सकते हैं. पुराने शौक दोबारा अपनाना या कोई नई एक्टिविटी शुरू करना न केवल खुशी देता है बल्कि दिमाग की क्षमता को भी बढ़ाता है.
ब्रेन हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, पेंटिंग, म्यूजिक या कोई नई एक्टिविटी करने से दिमाग नए कनेक्शंस बनाने और खुद को एडजस्ट करने की क्षमता विकसित करता है. यानी जितना आप एक्टिव रहेंगे उतना ही आपका दिमाग भी फिट रहेगा.
डेली एक्सरसाइज
तेज चाल से चलना, हाइकिंग करना या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी दिमाग की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. शोध बताते हैं कि 50 साल से अधिक उम्र के लोग भी नियमित व्यायाम से अपनी याददाश्त और सोचने की क्षमता बेहतर बना सकते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सबसे अच्छा व्यायाम वही है जिसे आप रोजमर्रा की जिंदगी में नियमित रूप से कर सकें.
डांस से दिमाग रहेगा एक्टिव
डांस केवल शरीर को ही फिट नहीं रखता बल्कि दिमाग को भी एक्टिव बनाए रखता है. डांस क्लास लेना या पार्टनर के साथ डांस करना, दिमाग की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है. इसमें शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ सोशल कनेक्शन भी शामिल होता है, जो ब्रेन हेल्थ को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद करता है.
म्यूजिक के फायदे
गाने सुनना, गाना गाना या नया म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट सीखना ये सब दिमाग को एक्टिव रखने के बेहतरीन तरीके हैं. रिसर्च बताती है कि म्यूजिक ब्रेन के कई हिस्सों को एक साथ सक्रिय करता है. खासकर जब आप कोई नया इंस्ट्रूमेंट सीखते हैं, तो दिमाग नई चुनौतियों को अपनाता है और उसकी क्षमता और भी बेहतर होती है.
गार्डनिंग के फायदे
फूल-पौधे, सब्जियां या हर्ब्स लगाना न केवल आनंद देता है बल्कि दिमाग की सेहत के लिए भी फायदेमंद है. एक स्टडी में पाया गया कि गार्डनिंग से ब्रेन नर्व ग्रोथ फैक्टर बढ़ता है, जो याददाश्त और सोचने की क्षमता को मजबूत करता है. साथ ही पौधों को उगाने से मिलने वाली संतुष्टि और उपलब्धि की भावना मानसिक स्वास्थ्य को और बेहतर बनाती है.
किताबें पढ़ना
किताबें पढ़ना दिमाग के लिए किसी एक्सरसाइज से कम नहीं. शोध बताते हैं कि हफ्ते में एक से अधिक बार पढ़ने वाले बुज़ुर्गों का दिमाग अधिक एक्टिव रहता है. पढ़ने से दिमाग के लैंग्वेज सेंटर्स लगातार सक्रिय रहते हैं. चाहे मिस्ट्री, फैंटेसी या हिस्ट्री कोई भी किताब पढ़ना ब्रेन हेल्थ के लिए बेहद लाभकारी है.


