भाप में पकाई या भुनी हुई ब्रोकली: जानें कौन सा तरीका ज्यादा हेल्दी होता है स्वास्थ्य के लिए
ब्रोकली है सेहत का खजाना, लेकिन सवाल ये है कि इसे भाप में पकाएं या ओवन में भूनें कौन-सा तरीका ज्यादा पोषक तत्व बचाता है?

नई दिल्ली: ब्रोकली आज के समय में पास्ता, सलाद, स्टर-फ्राई और रोजमर्रा के खाने का अहम हिस्सा बन चुकी है. इसकी लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह इसका शानदार पोषण मूल्य है. ब्रोकली विटामिन, फाइबर और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो इम्युनिटी मजबूत करने के साथ-साथ कई पुरानी बीमारियों से बचाव में भी मदद कर सकती है.
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रोकली कितनी फायदेमंद होगी, यह इस बात पर काफी हद तक निर्भर करता है कि उसे किस तरह पकाया गया है. गलत कुकिंग मेथड से इसके जरूरी पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि ब्रोकली को पकाने का सबसे बेहतर तरीका क्या है, ताकि इसके अधिकतम फायदे मिल सकें.
भाप में पकी या रोस्ट की हुई ब्रोकली: कौन ज्यादा फायदेमंद?
डायटीशियन के अनुसार, पोषक तत्वों को बचाने के मामले में भाप में पकाई गई ब्रोकली सबसे बेहतर विकल्प मानी जाती है. भाप में पकाने से विटामिन C का 80–90% तक हिस्सा सुरक्षित रहता है. और सल्फोराफेन जैसे महत्वपूर्ण तत्व बने रहते हैं, जो सूजन कम करने और कैंसर-रोधी गुणों से जुड़े हैं.
पोषक तत्व पानी में घुलकर नष्ट नहीं होते.
वहीं, रोस्ट करने पर खासतौर से ज्यादा तापमान में, विटामिन C और फोलेट का नुकसान ज्यादा होता है. गर्मी के प्रति संवेदनशील एंटीऑक्सीडेंट्स आंशिक रूप से टूट जाते हैं. स्वाद तो बढ़ता है, लेकिन पोषण मूल्य कम हो जाता है. हल्की भाप में पकी ब्रोकली पोषण के लिहाज से ज्यादा बेहतर मानी जाती है.
रिसर्च क्या कहती है?
एक अध्ययन के अनुसार, अगर लक्ष्य विटामिन C, ग्लूकोसिनोलेट्स, क्लोरोफिल और प्रोटीन जैसे तत्वों को सुरक्षित रखना है, तो ब्रोकली को भाप में पकाना सबसे अच्छा तरीका है. इस विधि में ये पोषक तत्व कम टूटते हैं. इसके विपरीत, उबालने, स्टर-फ्राई करने या रोस्ट करने पर पोषक तत्वों की काफी हानि होती है. हालांकि, फाइबर के मामले में रोस्ट की हुई ब्रोकली भी ठीक मानी जाती है, क्योंकि गर्मी फाइबर को पूरी तरह तोड़ नहीं पाती.
ब्रोकली का पोषण कैसे बढ़ाएं?
डायटीशियन के मुताबिक, ब्रोकली पकाते समय कुछ बातों का ध्यान रखकर इसके पोषण को बेहतर बनाए रखा जा सकता है. ब्रोकली को 3–5 मिनट तक ही भाप में पकाएं, जब तक वह हल्की हरी और कुरकुरी रहे. ज्यादा पकाने से बचें, क्योंकि बहुत नरम ब्रोकली में पोषक तत्व कम हो जाते हैं.
अगर रोस्ट कर रहे हैं, तो तापमान 200°C से कम रखें और जलने न दें. पकाने के बाद ऑलिव ऑयल या बीज जैसे हेल्दी फैट्स मिलाएं, इससे फैट-सॉल्युबल विटामिन्स का अवशोषण बेहतर होता है. ब्रोकली को पकाने से 20–30 मिनट पहले काट लें, इससे सल्फोराफेन बनने की प्रक्रिया बेहतर होती है.
ब्रोकली खाने का सही समय क्या है?
विशेषज्ञों के अनुसार, दिन के समय ब्रोकली खाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. इस दौरान मेटाबॉलिज्म सक्रिय रहता है, जिससे शरीर पोषक तत्वों का बेहतर उपयोग कर पाता है. हेल्दी फैट्स के साथ इसका सेवन करने से इसके फायदे और बढ़ जाते हैं.
किन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए?
डायटीशियन के अनुसार, थायरॉयड से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों को ब्रोकली का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए. वहीं जिन लोगों को पाचन संबंधी दिक्कत है, उन्हें भी इसे खाते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
Disclaimer:- इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है. किसी भी तरह की डाइट या हेल्थ रूटीन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.


