score Card

Teachers Day 2025: शिक्षकों की कलम से निकली वो किताबें, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए

टीचर्स डे 2025 पर भारत के महान शिक्षकों और विद्वानों की लिखी किताबों को याद करना बेहद खास है. ये किताबें न सिर्फ शिक्षा और समाज सुधार की गवाह हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और ज्ञान का अमूल्य खजाना भी हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Teachers Day 2025: शिक्षक सिर्फ कक्षा तक सीमित नहीं रहते. उनकी सोच और लेखन समाज व आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर बन जाती है. भारत के विद्वानों और शिक्षकों ने अपनी किताबों के माध्यम से शिक्षा को नया दृष्टिकोण दिया है, जिसने समाज, राजनीति और संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया.

टीचर्स डे 2025 के अवसर पर हम आपको बताते हैं 10 ऐसी महत्वपूर्ण किताबों के बारे में, जिन्हें भारतीय महान शिक्षकों और विद्वानों ने लिखा है. ये किताबें न केवल विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, बल्कि जीवन को समझने और समाज को बेहतर बनाने की दिशा भी दिखाती हैं.

गीतांजलि: रवींद्रनाथ टैगोर

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर की यह काव्य रचना साहित्य जगत की अमूल्य निधि है. इसमें शिक्षा, रचनात्मकता और आत्म-अन्वेषण का संदेश छिपा है, जो आज भी विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रेरित करता है.

चाणक्य नीति: चाणक्य

राजनीतिज्ञ और आचार्य चाणक्य की यह रचना नेतृत्व, नैतिकता और नीति के सिद्धांतों का अद्भुत संकलन है. यह किताब आज भी शिक्षा, राजनीति और प्रबंधन के क्षेत्र में प्रासंगिक है.

इग्नाइटेड माइंड्स: एपीजे अब्दुल कलाम

भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की यह किताब युवाओं में नवाचार, वैज्ञानिक सोच और राष्ट्र सेवा की भावना जगाने के लिए लिखी गई.

शिक्षा: माय एक्सपेरिमेंट्स ऐज एन एजुकेशन मिनिस्टर: मनीष सिसोदिया

दिल्ली के शिक्षा सुधारों के अनुभव साझा करती यह किताब मनीष सिसोदिया की शिक्षा के प्रति सोच और उनके प्रयासों को सामने लाती है.

द वेद: रोशन दलाल व अन्य विद्वान

वेद भारतीय दर्शन और ज्ञान परंपरा का आधार हैं. रोशन दलाल और अन्य विद्वानों ने इसे सरल भाषा में प्रस्तुत किया है, जिसमें नैतिकता, जीवन मूल्य और शिक्षा का गहरा संदेश मिलता है.

व्हाट डिड यू आस्क ऐट स्कूल टुडे?: कमला वी मुकुंदा

यह किताब भारतीय कक्षा परिवेश को ध्यान में रखकर लिखी गई है. इसमें बच्चों के सीखने और मस्तिष्क के विकास की गहराई से पड़ताल की गई है.

दिवास्वप्न: गिजुभाई बधेका

गिजुभाई बधेका की यह रचना मॉन्टेसरी पद्धति पर आधारित है, जिसमें सक्रिय शिक्षण और बच्चों की भागीदारी पर जोर दिया गया है.

लेटर्स फ्रॉम अ फॉरेस्ट स्कूल: चित्तरंजन दास

1950 के दशक में किए गए शैक्षिक प्रयोगों को दर्शाती यह किताब शिक्षा के नए तरीकों और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण को उजागर करती है.

इग्नाइटेड माइंड्स: अनलीशिंग द पावर विदिन इंडिया: एपीजे अब्दुल कलाम

डॉ कलाम की यह दूसरी प्रेरणादायक किताब युवाओं को समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने और उपयोग करने का संदेश देती है.

द पेंग्विन हिस्ट्री ऑफ अर्ली इंडिया: रोमिला थापर

इतिहासकार रोमिला थापर की यह किताब भारतीय इतिहास की शुरुआती झलक पेश करती है. इसमें शिक्षा और समाज की नींव रखने वाले पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है.

calender
05 September 2025, 09:33 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag