Labour Day: 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस? जानें इसके बारे में सब कुछ
Labour Day: हर साल 1 मई को दुनियाभर में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये श्रमिकों के अधिकारों और उनके योगदान को सम्मान देने का दिन है. मजदूर दिवस का इतिहास केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर श्रमिक आंदोलन से जुड़ा है.

Labour Day: हर साल 1 मई को दुनिया भर में मजदूर दिवस यानी अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है. यह दिन उन करोड़ों मेहनतकश श्रमिकों को समर्पित है जो अपने परिश्रम से समाज और अर्थव्यवस्था की नींव रखते हैं. भारत में यह दिन सिर्फ मजदूरों के अधिकारों की बात नहीं करता, बल्कि महाराष्ट्र के लिए यह राज्य स्थापना दिवस के रूप में भी विशेष महत्व रखता है.
मजदूर दिवस का इतिहास केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर श्रमिक आंदोलन से जुड़ा है. यह दिन न केवल कामकाजी वर्ग के संघर्षों की याद दिलाता है, बल्कि उनके अधिकारों और उपलब्धियों का सम्मान भी करता है. आइए जानते हैं इस दिन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और भारत, खासकर महाराष्ट्र में इसे मनाने का कारण.
मजदूर दिवस का इतिहास
मजदूर दिवस की नींव 19वीं सदी के श्रमिक आंदोलन में पड़ी, जब श्रमिकों ने 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम, और 8 घंटे व्यक्तिगत समय की मांग को लेकर संघर्ष शुरू किया. इस आंदोलन ने सबसे अधिक जोर पकड़ा 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में हुए हे मार्केट विद्रोह (Haymarket Affair) के दौरान. इस ऐतिहासिक घटना के बाद कई देशों ने 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में अपनाया.
भारत में कब और कैसे हुई मजदूर दिवस की शुरुआत?
भारत में मजदूर दिवस की पहली आधिकारिक शुरुआत 1 मई 1923 को चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में हुई. इस आयोजन का नेतृत्व सिंगारवेलु चेट्टियार ने किया, जो उस समय के प्रमुख समाजसेवी और नेता थे. यह आयोजन लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा किया गया था और इसके साथ ही भारत में संगठित श्रमिक आंदोलन की नींव रखी गई.
महाराष्ट्र में 1 मई का दोहरा महत्व
महाराष्ट्र में 1 मई केवल मजदूर दिवस नहीं बल्कि महाराष्ट्र दिवस (Maharashtra Day) के रूप में भी मनाया जाता है. यह दिन 1960 में महाराष्ट्र राज्य के गठन की स्मृति में मनाया जाता है, जब बॉम्बे राज्य को भाषाई आधार पर विभाजित कर महाराष्ट्र और गुजरात का निर्माण किया गया था. इस ऐतिहासिक दिन ने मराठी भाषी जनता की वर्षों की मांग को पूरा किया और महाराष्ट्र को एक अलग पहचान दी.
कैसे मनाया जाता है मजदूर दिवस?
इस दिन मजदूर यूनियनें रैलियां, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करती हैं, जिनमें श्रमिकों के अधिकारों, न्यूनतम मजदूरी, सुरक्षित कार्यस्थल और बेहतर श्रम कानूनों पर चर्चा होती है. यह दिन भारत में सरकारी अवकाश होता है और अधिकतर सरकारी कार्यालय, स्कूल व निजी संस्थान बंद रहते हैं.
वहीं, महाराष्ट्र दिवस के मौके पर मुंबई सहित पूरे राज्य में ध्वजारोहण, परेड और सरकारी समारोह आयोजित किए जाते हैं. यह दिन राज्य के गौरव और श्रमिकों की मेहनत दोनों को सम्मानित करता है.


