Rahat Indori Poetry: इंदौरी साहब वो शायर थे जो कहते थे, मौत कल आती है आज आ जाए तो डरता कौन है...
Rahat Indori Poetry: राहत इंदौरी वो कलाकार हैं जिनकी शायरी सुनकर लोग मदहोश हो जाते हैं. डॉ. राहत इंदौरी के शेर हर लफ्ज के साथ मोहब्बत की नई शुरुआत करते हैं. आज हम आपको उनके कुछ चुनिंदा शेर लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आपका दिल खुश हो जाएगा.

Rahat Indori Poetry: डॉ. राहत इंदौरी का नाम अपने आप में महान है. जब भी शेरो-शायरी का जिक्र होता है तो राहत इंदौरी का नाम जरूर लिया जाता है. वो अपनी शायरी से जिंदादिली और मोहब्बत का पैगाम देते हैं. उन्होंने 40-45 साल तक मुशायरा और कवि सम्मेलनों में प्रस्तुति दी है. इस आर्टिकल में आज हम आपको इंदीर साहब के कुछ चुनिंदा शेर पेश करने जा रहे हैं उम्मीद है आपको जरूर पसंद आएंगे.
ये हैं राहत इंदौरी के कुछ चुनिंदा शेर-
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है
सब ही अपनी तेजगामी के नशे में चूर है
लाख आवाजें लगा लीजिए ठहरता कौन है
हैं परिंदों के लिए शादाब पेड़ों के हुजूम
अब मेरी टूटी हुई छत पर उतरता कौन है
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल मैं अकेला हूँ मगर
फैसला मैदान में होगा मरता कौन है.
राहत इंदौरी अपनी गजल में कहते हैं-
हौसले जिंदगी के देखते हैं
चलिए कुछ रोज जी के देखते हैं.
नींद पिछली सदी की जख्मी है
ख़्वाब अगली सदी के देखते हैं
रोज़ हम इक अंधेरी धुंद के पार
काफिले रौशनी के देखते हैं.
धूप इतनी कराहती क्यूँ है
छांव के जख्म सी के देखते हैं
टिकटिकी बांध ली है आंखो ने
रास्ते वापसी के देखते हैं.
पानियों से तो प्यास बुझाती नहीं
आइए ज़हर पी के देखते हैं.


