महाराष्ट्र: अंबरनाथ में अंधाधुंध फायरिंग के मामले में गिरफ्तार, पंढरीनाथ फड़के पर सबसे पहले राहुल पाटिल पर फायरिंग का आरोप
पंढरीनाथ फड़के के वकीलों ने दावा किया कि जवाब में पंढरीनाथ फड़के के समर्थकों ने फायरिंग की थी, लेकिन पंढरीनाथ फड़के की शिकायत पुलिस ने दर्ज नहीं की है। इसको लेकर फड़के के वकीलों का आरोप है कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव है।

संवाददाता: सुनील शर्मा (अबरनाथ महाराष्ट्र)
पंढरीनाथ फड़के के वकीलों ने दावा किया कि जवाब में पंढरीनाथ फड़के के समर्थकों ने फायरिंग की थी, लेकिन पंढरीनाथ फड़के की शिकायत पुलिस ने दर्ज नहीं की है। इसको लेकर फड़के के वकीलों का आरोप है कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव है।
इस घटना के बाद सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है की फड़के के समर्थकों को राहुल पाटिल की कारों पर फायरिंग करते दिख रहे है। लेकिन शुरुआत में, फड़के को राहुल पाटिल की ओर से निकाल दिया गया था और जवाब में, फड़के ने निकाल दिया, पंढरीनाथ फड़के के वकील एडवोकेट ने दावा किया है की उमेश केदार ने किया है।
पंढरीनाथ फड़के ने कोर्ट में की थी शिकायत, उसके बाद कोर्ट के आदेश पर फड़के के वकीलों ने पुलिस को लिखित में शिकायत भी दी। दरअसल चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने फड़के की शिकायत दर्ज नहीं की।
पंढरीनाथ फड़के के वकीलों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया है कि केवल एक पक्ष पर मुकदमा दर्ज कर पक्षपात कर रही है, जबकि दोनों पक्षों की ओर से फायरिंग के कारण विरोधी मुकदमा दर्ज करना जरूरी है।
लेकिन पंढरीनाथ फड़के के वकीलों ने मांग की है कि पंढरीनाथ फड़के के पक्ष में भी मामला दर्ज किया जाए। तो क्या अब इस मामले में परस्पर विरोधी मामला दर्ज किया गया है? देखना अहम होगा।


