16 मई को वैशाख पूर्णिमा..जानिए क्या है इस दिन का महत्व
पूर्णिमा का धर्म शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यदि किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान के बाद दान आदि दिया जाए तो पुण्य फल की प्राप्ति तो होती ही है

16 मई को वैशाख पूर्णिमा के साथ ही वैशाख माह भी समाप्त हो जाएगा। पूर्णिमा का धर्म शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यदि किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान के बाद दान आदि दिया जाए तो पुण्य फल की प्राप्ति तो होती ही है वहीं मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध या फिर पीपल पूर्णिमा भी कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार व्रत की पूर्णिमा 15 मई को रहेगी जबकि दान और स्नान की पूर्णिमा 16 मई सोमवार को मानी जाएगी। इसलिए जो श्रद्धालु पूर्णिमा का व्रत करते है उन्हें 15 मई रविवार को व्रत करना चाहिए वहीं दान व स्नान का महत्व 16 मई सोमवार को ही रहेगा।
राशि के अनुसार करें दान
ज्योतिषियों ने बताया कि पूर्णिमा के दिन राशि के अनुसार दान करने से न केवल उत्तम फल मिलता है वहीं कमजोर ग्रह भी मजबूत होने के साथ सुफल देने लगते है इसलिए ज्योतिषियों की सलाह के अनुसार दान राशि के अनुसार ही देना चाहिए।
कौन सी राशि के लिए कौन सा दान
मेष राशि के लोगों को पानी का दान करना चाहिए। जल से भरा हुआ मिट्टी का पात्र दान किया जा सकता है। राहगीरों को पीने के पानी की भी व्यवस्था की जा सकती है। वृषभ राशि के जातकों को जरूरतमंदों के लिए छाता या फिर जूते-चप्पल दान करने की सलाह दी गई है। मिथुन राशि के लोगों को आम, तरबूज आदि का दान करने से उत्तम फल प्राप्त होगा जबकि कर्क राशि के लोगों को छाया देने वाली वस्तु जैसे छाता दान करने की सलाह ज्योतिषियों ने दी है। सिंह राशि के लोगों को सत्तू दान करना चाहिए जबकि कन्या राशि के लोग पंखा, कूलर या फिर भूखे को अनाज दान कर सकते है। तुला राशि के लोगों के लिए छायादार पौधे, वृश्चिक के लिए जल से भरी हुई मटकी व तरबूज या फिर खरबूज, धनु के लिए मंदिर के बाहर ठंडे पानी की व्यवस्था करने मकर राशि के लिए पशु पक्षियों को पानी देने, कुंभ के लिए सूती वस्त्र दान देने और मीन राशि के लोगों के लिए तीर्थ यात्रियों को भोजन आदि की व्यवस्था करने की सलाह ज्योतिषियों द्वारा दी गई है।


