Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा पर जाने का बना रहे हैं प्लान? तो जरूर पढ़ें ये गाइड

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा की शुरुआत की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं में उत्साह और आस्था का माहौल भी गहराता जा रहा है. चलिए जानते हैं अमरनाथ यात्रा 2025 की तिथियों, पंजीकरण प्रक्रिया, प्रमुख मार्गों और बाबा बर्फानी शिवलिंग के आध्यात्मिक महत्व से जुड़ी सभी अहम जानकारियां.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Amarnath Yatra 2025: जैसे-जैसे अमरनाथ यात्रा की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे लाखों श्रद्धालु पवित्र बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन की तैयारी में जुट गए हैं. यह पावन यात्रा हर साल जम्मू-कश्मीर की बर्फीली गुफाओं में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आयोजित की जाती है. श्रद्धालु इस यात्रा को केवल तीर्थ यात्रा ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और साहसिक अनुभव मानते हैं, जहां आस्था, धैर्य और हिमालय की अद्भुत सुंदरता का संगम देखने को मिलता है.

अमरनाथ गुफा को भगवान शिव का वह स्थान माना जाता है, जहां उन्होंने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी. यहां हर साल श्रावण माह में बनने वाला प्राकृतिक बर्फ का शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए चमत्कारी और दिव्य अनुभव लेकर आता है. आइए जानते हैं यात्रा की तिथियों से लेकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, प्रमुख रूट्स और बाबा बर्फानी के आध्यात्मिक महत्व से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

कब शुरू होगी अमरनाथ यात्रा 2025?

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने अमरनाथ यात्रा 2025 की आधिकारिक तिथियों की घोषणा कर दी है. इस वर्ष यह पावन यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को संपन्न होगी, यानी कुल 37 दिनों तक चलेगी. इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है, जो देशभर से बाबा बर्फानी के दर्शन को पहुंचेंगे.

यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 15 मार्च 2025 से शुरू हो चुकी है और यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे समय रहते ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लें.

बाबा बर्फानी शिवलिंग का आध्यात्मिक महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, अमरनाथ गुफा वही स्थान है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था. मान्यता है कि इस गुफा के दर्शन करने और शिवलिंग के समक्ष पूजा अर्चना करने से भक्तों को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

एक विशेष बात यह भी है कि यह बर्फ से बना शिवलिंग चंद्रमा की कलाओं के अनुसार आकार बदलता है. यही कारण है कि इसे चमत्कारी शिवलिंग माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमरनाथ धाम की यात्रा करने से 23 तीर्थों के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है.

यात्रा के दो मुख्य मार्ग: पहलगाम और बालटाल

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पास दो मुख्य मार्गों का विकल्प होता है – पहलगाम रूट और बालटाल रूट.

पहलगाम रूट (लगभग 48 किमी): यह पारंपरिक और लंबा मार्ग है जो चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरिणी जैसे दर्शनीय स्थलों से होकर गुजरता है. यह रास्ता अपेक्षाकृत सरल और मनोरम होता है, जिसमें यात्रा पूरी करने में 3 से 5 दिन का समय लगता है.

बालटाल रूट (लगभग 14 किमी): यह छोटा लेकिन कठिन रास्ता है, जिसमें डोमेल, बरारी और संगम जैसे पड़ाव आते हैं. इस रूट से यात्रा 1 से 2 दिन में पूरी हो जाती है, लेकिन यह शारीरिक रूप से मजबूत और फिट यात्रियों के लिए ज्यादा उपयुक्त है.

अमरनाथ यात्रा 2025 पंजीकरण प्रक्रिया

  • अमरनाथ यात्रा में भाग लेने के लिए पूर्व-पंजीकरण अनिवार्य है. 

  • यह रजिस्ट्रेशन SASB की आधिकारिक वेबसाइट या चयनित बैंकों की शाखाओं के माध्यम से किया जा सकता है. 

  • पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं को अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (CHC) और मान्य पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड) प्रस्तुत करना होता है.

  • बिना यात्रा परमिट के किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी.

  • केवल 13 से 70 वर्ष आयु वर्ग के लोग यात्रा के लिए पात्र हैं.

  • सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए SASB द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना आवश्यक है.

Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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20 June 2025, 02:35 PM IST

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