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Sita Navami 2025: शादी में देरी से परेशान हैं? सीता नवमी पर करें ये उपाय, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

Sita Navami 2025: हिंदू धर्म में सीता नवमी का दिन माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है. यह दिन अविवाहितों के लिए शीघ्र विवाह के योग बनाने वाला माना गया है. सही विधि से पूजा और विशेष उपाय करने से विवाह में आ रही सभी अड़चनें दूर हो सकती हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Sita Navami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, सीता नवमी का पर्व देवी सीता के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है. यह पावन दिन न केवल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अविवाहित युवाओं के लिए भी विशेष फलदायी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

सीता नवमी के दिन माता सीता और भगवान श्रीराम की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है. विशेषकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय से विवाह में विलंब या अड़चनों का सामना कर रहे हैं. वहीं विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत और विधिपूर्वक पूजा करती हैं, तो उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

सीता नवमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है. वर्ष 2025 में यह तिथि 5 मई को सुबह 7:35 बजे से शुरू होकर 6 मई को सुबह 8:38 बजे तक रहेगी.
उदया तिथि के अनुसार व्रत 5 मई 2025, सोमवार को रखा जाएगा.

माता सीता को सोलह श्रृंगार अर्पित करें 

यदि किसी को विवाह में विलंब हो रहा हो या योग्य जीवनसाथी नहीं मिल रहा हो, तो सीता नवमी के दिन विधि-विधान से माता सीता की पूजा करें. साथ ही उन्हें सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें और
"श्री जानकी रामाभ्यां नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.

प्रेम विवाह के लिए करें विशेष पूजन

जिन युवाओं की इच्छा लव मैरिज की है, उन्हें इस दिन सभी नियमों का पालन करते हुए व्रत रखना चाहिए. भगवान राम और माता सीता की एक साथ पूजा करें और माता सीता को चुनरी एवं श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. इसके बाद जानकी स्तोत्र का पाठ करें. माना जाता है कि इससे मां जानकी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और प्रेम विवाह की बाधाएं समाप्त होती हैं.

विवाह में आ रही रुकावट होगी दूर

  • अगर विवाह में किसी भी प्रकार की देरी या अड़चन आ रही हो, तो सीता नवमी के दिन भगवान श्रीराम और माता लक्ष्मी की पूजा करें.

  • उन दोनों को हल्दी की गांठें पीले कपड़े में लपेटकर अर्पित करें.

  • धारणा है कि इस उपाय को श्रद्धा से करने पर विवाह में आ रही सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं.

विवाहित महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का पर्व

सीता नवमी का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए भी अत्यंत फलदायी माना गया है. इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है. इस दिन माता सीता की पूजा कर उनके चरणों में श्रृंगार अर्पित करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और समर्पण बना रहता है.

Disclaimer: ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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03 May 2025, 03:16 PM IST

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