नए साल से पहले घर का वास्तु ठीक करें, 2026 में न दोहराएं ये गलतियां
नया साल 2026 आपके लिए खुशहाल, समृद्ध और पॉजिटिव एनर्जी से भरा हो इसके लिए घर की वास्तु शास्त्र में कुछ छोटे-छोटे बदलावों से आपके घर का माहौल बदल सकता है.

नई दिल्ली: नए साल 2026 की शुरुआत अगर सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली के साथ करना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के ये छोटे-छोटे उपाय आपकी मदद कर सकते हैं. मान्यता है कि घर का हर हिस्सा किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है और उनमें हल्के बदलाव करने से जीवन में बड़ा असर देखने को मिलता है.
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए भारी तोड़-फोड़ की जरूरत नहीं होती. बस कुछ स्थानों पर सही व्यवस्था और संतुलन बना लिया जाए, तो सुख-समृद्धि का मार्ग खुल सकता है. आइए जानते हैं घर के छह ऐसे अहम हिस्सों के बारे में, जहां बदलाव कर आप साल 2026 को शुभ बना सकते हैं.
घर का मुख्य द्वार
मुख्य द्वार को सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है. इसलिए इसका साफ-सुथरा और व्यवस्थित होना बेहद जरूरी है. यहां पर्याप्त रोशनी रखें और नाम पट्टिका जरूर लगाएं. शनिवार के दिन मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ फल देता है. इस स्थान पर कूड़ा-कचरा न रखें और काले रंग के प्रयोग से बचें.
ड्रॉइंग रूम
ड्रॉइंग रूम का संबंध घर के माहौल और आपसी रिश्तों से माना जाता है. इस कमरे में उजाले की भरपूर व्यवस्था होनी चाहिए. हल्की खुशबू का प्रयोग और फूल या फूलों की तस्वीरें लगाने से सकारात्मकता बढ़ती है. यहां जूते-चप्पल रखने से बचें और सुबह-शाम अंधेरा न रहने दें.
घर की रसोई
रसोई परिवार के स्वास्थ्य और ऊर्जा का केंद्र होती है. यदि यहां सूर्य का प्रकाश पहुंचे, तो इसे अत्यंत शुभ माना जाता है. रसोई में सामान व्यवस्थित रखें और अनावश्यक लोगों का प्रवेश सीमित करें. रसोई के द्वार के सामने चूल्हा या अग्नि तत्व से जुड़ी वस्तुएं न रखें. जल तत्व और अग्नि तत्व से जुड़ी चीजों को एक साथ रखने से भी बचना चाहिए.
बेड रूम
बेड रूम विश्राम और समृद्धि का प्रतीक होता है. इसकी दीवारों के लिए हल्के रंग, जैसे हल्का गुलाबी या हल्का हरा, श्रेष्ठ माने जाते हैं. कमरे में प्राकृतिक रोशनी और हवा का अच्छा प्रवाह होना चाहिए. बेड रूम में भोजन करने से परहेज करें, विशेष रूप से मांस, अंडा, मछली या अन्य तामसिक वस्तुएं अंदर न लाएं.
बाथरूम
वास्तु शास्त्र में बाथरूम को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. इसे हमेशा साफ रखें और पानी की बर्बादी से बचें. नीला या बैंगनी रंग यहां शुभ माना जाता है. हल्की सुगंध बनाए रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. ध्यान रखें कि नल से पानी टपकता न रहे और फर्श पर हमेशा पानी न फैला हो.
सीढ़ियां
सीढ़ियों को घर की तरक्की और जीवन के उतार-चढ़ाव से जोड़कर देखा जाता है. गलत दिशा में बनी सीढ़ियां समस्याएं पैदा कर सकती हैं. नैऋत्य कोण में सीढ़ियों का निर्माण श्रेष्ठ माना गया है. इन्हें उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम दिशा में बनाना शुभ होता है. साथ ही, सीढ़ियां बहुत ज्यादा घुमावदार नहीं होनी चाहिए.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


