क्या है जगन्नाथ मंदिर का रहस्य, क्या सचमुच रत्न भंडार की रक्षा करते हैं नागराज
46 वर्षों के बाद कल यानी 13 जुलाई को ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोला गया. इस कक्ष में सदियों से दान किए गए दुर्लभ आभूषणों और कीमती सामानों का संग्रह है. विशेषज्ञ पारदर्शिता और आधुनिक तकनीक के साथ प्रक्रिया की निगरानी में रत्न भंडार खोला गया. इस दौरान सरकार के प्रतिनिधि, ASI के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और 4 सेवादारों समेत 11 लोग मौजूद रहें.
ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का खजाना रविवार (14 जुलाई) दोपहर 1:28 बजे खोला गया. का रत्न भंडार को खोलने के समय भंडार गृह में सरकार के प्रतिनिधि के साथ-साथ ASI के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और 4 सेवादारों समेत 11 लोग मौजूद रहें. बता दें कि, इससे पहले साल 1978 में आखिरी बार, जगन्नाथ रत्न भंडार के कपाट खुले थे. वहीं कल करीब 46 साल बाद, दोबारा रत्न भंडार खोला गया.
ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के रत्न भंडार में सांप ही सांप हैं. इस वजह से पहले कक्ष में संपेरों की ही एंट्री होगी. सांप पकड़ने में एक्सपर्ट लोगों के साथ-साथ मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया है. अगर किसी को सांप काटता है तो उसे तत्काल एडमिट कराया जा सके. जानिए इस खास वीडियो में जगन्नाथ मंदिर के रहस्य के बारे में बहुत कुछ.