Ramadan 2025: भारत में कब से शुरू होगा रमजान? जानें तारीख, महत्व और जरूरी बातें
रमजान इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जिसे इबादत, रोजा और दान का महीना कहा जाता है. इस महीने में मुस्लिम समुदाय सूरज उगने से लेकर सूरज ढलने तक रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत में समय बिताते हैं. 2025 में रमजान कब से शुरू होगा, इसका धार्मिक महत्व क्या है और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइए जानते हैं.

Ramadan 2025: रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जिसे दुनिया भर के मुस्लिम बड़े श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं. यह इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना होता है, जो अर्धचंद्र के दिखने पर शुरू होता है. इस दौरान उपवास (रोजा) रखा जाता है, जिससे आत्मसंयम, ईमानदारी और अल्लाह की इबादत पर जोर दिया जाता है.
भारत में रमजान 2025 की शुरुआत 1 मार्च 2025, शनिवार को होगी. यह पाक महीना करीब 30 दिनों तक चलेगा और 30 या 31 मार्च को नए चांद के दिखने के साथ समाप्त होगा. इस मौके पर ईद-उल-फितर का जश्न मनाया जाएगा.
रमजान 2025: कब से कब तक रहेगा?
शुरुआत: 1 मार्च 2025 (शनिवार)
समाप्ति: 30 या 31 मार्च 2025 (नए चांद के अनुसार)
ईद-उल-फितर: शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाएगी.
रमजान की अंतिम रात चांद दिखने पर ईद-उल-फितर मनाई जाती है, जो इस्लामिक कैलेंडर के शव्वाल महीने की पहली तारीख होती है. इस दिन मुसलमान पूरे महीने के उपवास (रोजा) के समापन का जश्न मनाते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं.
रमजान का महत्व क्यों है खास?
इबादत और आत्मसंयम: इस महीने में मुसलमान सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक उपवास रखते हैं.
सहरी और इफ्तार: सुबह सूरज उगने से पहले जो भोजन किया जाता है उसे सहरी कहते हैं, और शाम को रोजा खोलने को इफ्तार कहते हैं.
अल्लाह की रहमत: रमजान को बरकतों और रहमतों का महीना माना जाता है, जिसमें अधिक से अधिक इबादत करने की सलाह दी जाती है.
कुरान की अवतरण: इस्लामिक मान्यता के अनुसार, इसी महीने में पवित्र कुरान का अवतरण हुआ था.
रमजान में क्या करना चाहिए?
नमाज अदा करें - दिन में पांच बार नमाज पढ़ना अनिवार्य होता है.
दान (जकात) दें - गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें.
अच्छे कर्म करें - झूठ, गुस्सा और बुरी आदतों से बचें.
कुरान पढ़ें - इस पवित्र महीने में कुरान शरीफ का पाठ करें.
रहमत और मगफिरत की दुआ करें - अल्लाह से माफी और बरकत की प्रार्थना करें.
रमजान 2025 को लेकर खास तैयारियां
रमजान से पहले ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है, खासतौर पर खजूर, शरबत, फल और सूखे मेवे की खरीदारी जोरों पर रहती है. मस्जिदों में विशेष नमाज (तरावीह) अदा की जाती है और रोजेदार पूरी श्रद्धा से इबादत में जुट जाते हैं. ईद-उल-फितर के दिन मस्जिदों में नमाज अदा करने के बाद लोग एक-दूसरे को गले मिलकर "ईद मुबारक" कहते हैं और मीठे पकवानों का लुत्फ उठाते हैं.


