ऋषिकेश में होंगे विश्व प्रसिद्ध चारों धाम के दर्शन, श्रद्धालुओं की होंगी सभी मनोकामना पूरी

शास्त्रों में योग नगरी ऋषिकेश क पावन तीर्थ स्थल माना जाता है और यह परंपरा आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. ऋषिकेश में कई मंदिर व अनेक घाट स्थापित है.

Shweta Bharti
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हाइलाइट

  • दुनिया में जितने भी मंदिर हैं उनका अपना अलग ही इतिहास होता है.

दुनिया में जितने भी मंदिर हैं उनका अपना अलग ही इतिहास होता है. प्रत्येक मंदिर का अपना महत्व व विशेषताएं होती हैं. इस स्थान पर अनेक मंदिर स्थापित है जिसके लोग काफी दूर-दूर से दर्शन के लिए यहां पर आते हैं. आज हम जिस मंदिर के बारे में आपको बतायेंगे वह मंदिर ऋषिकेश में तपोवन में स्थित है. जिसका नाम श्री सिद्ध बाबा बालक नाथ चारधाम मंदिर है.

कब हुई इस मंदिर की स्थापना?

लोकल 18 के साथ हु बातचीत के दौरान इस मंदिर के पुजारी ललित मोहम बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना सन 2004 में की गई थी. बाबा बालक नाथ जी भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे. इन्हें कलयुग में काफी माना जाता था. 

क्या है इस मंदिर का उद्देश्य?

हर व्यक्ति इनकी ही पूजा-अर्चना किया करता था. बाबा निर्मल नाथ की इच्छा थी कि हर जगह पर इनके ही मंदिर बनवाएं जाएं. ताकि अधिक से अधिस लोग इनके बारे में जान सके और पूरे सच्चे मन से पूजा पाठ करें. इसी उद्देश्य से ऋषिकेश में इस मंदिर की स्थारना की गई थी.

कई लोगों को मानना है कि आज के दिन यानी रविवार के दिन मीठी रोटी का भोग लगाया जाता है. साथ ही उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद मिला हुआ है जो भी पुरुष या महिलाएं इनकी सच्चे मन से पूजा करेंगे उन सभी लोगों की मनोकामना जरूर पूरी होगी.

10 बजे के करीब बंद कर दिया जाता है मंदिर

इसके अलावा पंडित ललित का कहना है कि इस मंदिर में विश्व प्रसिद्ध चारों धाम बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ और रामेश्वरम धाम के दर्शन हो जाएंगे. इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित किया गया है वह रामेश्वरम धाम मंदिर लाया गया है. इसीलिए इसका काफी महत्व होता है. आपको बता दें कि इस मंदिर के पट शाम में 4 बजे के समय खुलते हैं और 10 बजे के करीब बंद कर दिए जाते हैं.

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30 July 2023, 08:06 AM IST

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