'भारतीय टीम के लिए गौतम गंभीर एक आपदा', मैनचेस्टर में इंग्लैंड की बढ़त के बाद रणनीति पर उठे सवाल
मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की मजबूत बढ़त के बाद भारतीय कोच गौतम गंभीर आलोचना का सामना कर रहे हैं. जो रूट की 150 रन की पारी ने भारत को बैकफुट पर ला दिया. गेंदबाजों की फिटनेस और टीम चयन पर सवाल उठे हैं. भारत अब 186 रन पीछे है और सीरीज में वापसी बेहद मुश्किल लग रही है.

मैनचेस्टर में चल रहे चौथे टेस्ट में इंग्लैंड के जबरदस्त प्रदर्शन के बाद भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं. पाँच टेस्ट मैचों की सीरीज़ में पहले ही 1-2 से पीछे चल रही भारतीय टीम को अब इंग्लैंड के खिलाफ इस मुकाबले में भी मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. तीसरे दिन के खेल के अंत तक भारत, इंग्लैंड से 186 रन पीछे है और मुकाबले में वापसी के लिए किसी चमत्कार की दरकार है.
जो रूट की ऐतिहासिक पारी ने बदला मैच का रुख
इंग्लैंड की ओर से अनुभवी बल्लेबाज जो रूट ने 150 रनों की दमदार पारी खेलकर भारत की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. उन्होंने इस पारी के दौरान 14 चौके लगाए और 248 गेंदों का सामना किया. उनकी इस पारी ने इंग्लैंड को पूरी तरह नियंत्रण में ला दिया. रूट के साथ कप्तान बेन स्टोक्स (77*) और लियाम डॉसन (21*) ने मिलकर इंग्लैंड को 528/7 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया.
भारतीय गेंदबाज रहे फीके
तीसरे दिन भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. वाशिंगटन सुंदर ने दो विकेट लेकर थोड़ी राहत दी, लेकिन जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की फिटनेस ने चिंता बढ़ा दी. दोनों गेंदबाज मैदान से बाहर रहे और बुमराह तो नई गेंद से केवल एक ओवर ही फेंक पाए. स्टोक्स भी मैच के अंतिम सत्र में पैर की चोट के चलते बाहर हो गए, लेकिन बल्लेबाजी के लिए फिर लौटे.
फैंस और विशेषज्ञों की नाराज़गी
सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने गंभीर की टीम चयन नीति पर सवाल उठाए हैं. कई लोगों का मानना है कि गंभीर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों को जल्दी बाहर कर दिया और कुछ फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को नजरअंदाज़ किया. विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि गंभीर, युवा कप्तान शुभमन गिल को पर्याप्त मार्गदर्शन देने में विफल रहे हैं.
इंग्लैंड बना चुनौती
भारत के खिलाफ पिछले एक दशक में इंग्लैंड ने तीन बार 500 से अधिक का स्कोर बनाया है — राजकोट (537 रन, 2016), चेन्नई (578 रन, 2021), और अब मैनचेस्टर (528/7* रन, 2025). यह दर्शाता है कि विदेशी धरती पर भारत की गेंदबाजी कितनी दबाव में आ जाती है, खासकर जब सामने इंग्लैंड जैसा आक्रामक बल्लेबाजी क्रम हो.
भारतीय टीम को करना होगा आत्ममंथन
चौथे टेस्ट के तीसरे दिन का खेल भारतीय टीम के लिए इस सीरीज़ का सबसे कठिन समय साबित हुआ. यदि टीम को आखिरी टेस्ट में सम्मानजनक प्रदर्शन करना है, तो गंभीर और पूरी टीम प्रबंधन को रणनीति, टीम चयन और फिटनेस प्रबंधन पर गंभीरता से विचार करना होगा.


