विराट, रोहित के बाद अब इस क्रिकेटर ने लिया सन्यास, टी20 और वनडे विश्वकप में था अहम रोल
भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला ने 36 वर्ष की उम्र में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने 2007 टी20 और 2011 वनडे विश्व कप विजेता टीमों में अहम भूमिका निभाई थी. अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल करियर में शानदार प्रदर्शन के साथ, उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी मजबूत पहचान बनाई.

भारतीय क्रिकेट के अनुभवी लेग स्पिनर पीयूष चावला ने 36 वर्ष की उम्र में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश साझा करते हुए इस फैसले की जानकारी अपने प्रशंसकों और समर्थकों को दी. इस पोस्ट में उन्होंने उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने उनके लंबे करियर में उनका साथ दिया.
टी20 और वनडे विश्वकप में निभाई अहम भूमिका
पीयूष चावला भारतीय क्रिकेट के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने दो विश्व कप विजेता टीमों का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त किया है. वह 2007 में भारत की टी20 विश्व कप विजेता टीम और 2011 में वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे. दोनों ही टूर्नामेंट भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक रहे हैं और चावला ने इनमें अहम भूमिका निभाई थी.
अंतरराष्ट्रीय करियर की झलक
अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में पीयूष चावला ने भारत के लिए कुल 3 टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले. उन्होंने इन सभी मैचों में मिलाकर कुल 43 विकेट झटके. हालांकि उन्हें लंबे समय तक टीम इंडिया में नियमित स्थान नहीं मिला, फिर भी जब भी उन्हें मौका मिला, उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित की.
आईपीएल में शानदार प्रदर्शन
पीयूष चावला ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी अपनी एक खास पहचान बनाई. उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स, किंग्स इलेवन पंजाब और कोलकाता नाइट राइडर्स जैसे प्रमुख फ्रेंचाइजियों के लिए खेला. खासतौर पर वह कोलकाता नाइट राइडर्स की 2014 की आईपीएल विजेता टीम का हिस्सा थे, जहां उनका प्रदर्शन टीम के लिए काफी फायदेमंद रहा.
घरेलू क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन
घरेलू क्रिकेट में चावला ने उत्तर प्रदेश की ओर से लंबे समय तक खेला और बाद में गुजरात की टीम से भी जुड़े. वह घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करते रहे और कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बने.
संन्यास के साथ भावुक विदाई
संन्यास की घोषणा करते हुए चावला ने लिखा, "मैंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है. यह सफर बेहद खास रहा और मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूँ कि देश के लिए खेलने का मौका मिला." उन्होंने अपने कोच, परिवार, टीम साथियों और प्रशंसकों को धन्यवाद कहा.


