ग्रेग चैपल ने की रवींद्र जडेजा की सराहना, गिल की कप्तानी पर की ये टिप्पणी
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने तीसरे टेस्ट की आखिरी पारी में रवींद्र जडेजा की संयमित बल्लेबाजी की सराहना की, लेकिन कहा कि उन्हें टेल-एंडर्स के साथ रहते हुए और आक्रामक होना चाहिए था. उन्होंने कप्तान शुभमन गिल की भी आलोचना की, कि उन्होंने जडेजा को जीत के लिए खेलने का स्पष्ट निर्देश नहीं दिया.

हाइलाइट
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज पूर्व क्रिकेटर ग्रेग चैपल ने रवींद्र जडेजा की इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की पांचवीं पारी में दबाव में अच्छी बल्लेबाजी की तारीफ की है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जडेजा को आखिरी ओवरों में थोड़ा और आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए था, खासकर जब वह tailenders (बुमराह और सिराज) के साथ खेल रहे थे.
जडेजा ने बुमराह और सिराज को किया शील्ड
चैपल ने कहा कि जडेजा ने बुमराह और सिराज को अच्छे से बचाया, लेकिन हर ओवर में सिर्फ एक सिंगल लेकर मैच नहीं जीता जा सकता. उन्होंने कहा कि अगर भारत को मैच जीतना था, तो जडेजा को जोखिम लेकर बाउंड्री की ओर जाना ही पड़ता. उनके अनुसार, “बाहर से देखने पर जडेजा की पारी अनुशासित लगी, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वही पारी थी जो टीम को चाहिए थी?”
कप्तान गिल को देना चाहिए था स्पष्ट निर्देश
ग्रेग चैपल का मानना है कि शुभमन गिल को कप्तान के तौर पर जडेजा को स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए था कि अब उन्हें जीत के लिए खेलना है. चैपल ने लिखा, “सच्चाई यह है कि जडेजा ही आखिरी अनुभवी बल्लेबाज थे. अगर भारत को लक्ष्य तक पहुंचना था, तो जोखिम लेना ही पड़ता. यह जिम्मेदारी कप्तान की होती है कि वह ड्रेसिंग रूम से साफ-साफ संदेश दे – ‘अब तुम्हें ही यह मैच जिताना है. बाकी बल्लेबाज सिर्फ साथ निभाएं.’”
बें स्टोक्स की पारी का उदाहरण दिया
चैपल ने इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स की 2019 लीड्स टेस्ट की पारी का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई थी. उन्होंने कहा कि “स्टोक्स ने हालात को समझकर रिस्क लिया और भरोसे के साथ बल्लेबाजी की. टीम और कप्तान ने उन्हें समर्थन दिया. यही सोच एक महान टीम बनाती है.”
जडेजा की पारी भी जीत नहीं दिला पाई
रवींद्र जडेजा ने बुमराह और सिराज के साथ मिलकर लगभग तीन घंटे तक बल्लेबाजी की, जिसमें बुमराह ने 54 गेंदों में 5 रन और सिराज ने 30 गेंदों में 4 रन बनाए. भारत की टीम 193 रनों का लक्ष्य 22 रन से चूक गई.
"गिल को बेहतर नेतृत्व कौशल दिखाना होगा"
ग्रेग चैपल ने शुभमन गिल की कप्तानी पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि “एक कप्तान को न केवल शब्दों से, बल्कि अपने दृष्टिकोण, फैसलों और व्यवहार से टीम को दिशा देनी होती है. गिल को अब यह तय करना होगा कि वह किस तरह की टीम बनाना चाहते हैं.”
संवाद में स्पष्टता और निरंतरता जरूरी
चैपल ने कहा कि एक महान कप्तान, एक महान संवादकर्ता भी होता है. चाहे वह अभ्यास के दौरान हो, मैदान पर हो या ड्रेसिंग रूम में – कप्तान की बातें टीम में भरोसा और विश्वास भरनी चाहिए.
गिल को अब सिर्फ अपनी बल्लेबाजी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि टीम के भीतर सही बातों को सही समय पर पहुंचाना सीखना होगा.
बल्लेबाजों को सकारात्मक खेल की जरूरत
चैपल ने अंत में यह भी कहा कि गिल को टीम के बल्लेबाजों को पॉजिटिव क्रिकेट खेलने और बड़ी साझेदारियों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करना चाहिए. उनका मानना है कि कई बार सेट बल्लेबाज लापरवाह हो जाते हैं, जिससे विकेटों की गिरावट होती है. ऐसे में रन बनाना और लय बनाए रखना बेहद जरूरी होता है.


