एजबेस्टन में गिल की ऐतिहासिक पारी, कोच गंभीर को मिली 'संजीवनी'
बर्मिंघम में भारत ने सिर्फ़ एक बड़ी जीत दर्ज नहीं की, बल्कि विदेशी सरजमीं पर अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की. भारत की इस जीत से गौतम गंभीर को राहत मिली है.

रविवार को बर्मिंघम में भारत ने सिर्फ़ एक बड़ी जीत दर्ज नहीं की, बल्कि विदेशी सरजमीं पर अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की. इंग्लैंड के खिलाफ 336 रनों की इस शानदार जीत ने न केवल सीरीज़ में बराबरी दिलाई, बल्कि टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के लिए भी यह "संजीवनी" साबित हुई. इस सफलता का सबसे बड़ा श्रेय कप्तान शुभमन गिल को जाता है, जिनका प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा.
गंभीर का कोचिंग कार्यकाल
गौतम गंभीर का कोचिंग कार्यकाल पिछले साल जुलाई में शुरू हुआ था और उन्होंने इस दौरान चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती थी, जो भारत ने इस वर्ष की शुरुआत में दुबई में अपराजेय रहते हुए अपने नाम की थी. हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में टीम का प्रदर्शन अब तक उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है. घरेलू मैदान पर बांग्लादेश के खिलाफ जीत के बाद भारत को न्यूज़ीलैंड से वाइटवॉश झेलना पड़ा और ऑस्ट्रेलिया दौरे में भी हार का सामना करना पड़ा, जिससे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें टूट गईं.
लीड्स में पहले टेस्ट में हार ने भारत की चिंताओं को और बढ़ा दिया था, लेकिन बर्मिंघम में टीम ने जोरदार वापसी की. शुभमन गिल के दोहरा शतक और शतक (269 और 161 रन) और आकाश दीप की शानदार गेंदबाज़ी (मैच में 10 विकेट) ने भारत को इस मैदान पर पहली बार जीत दिलाई.
गंभीर के लिए राहत
पूर्व क्रिकेटर सुरिंदर खन्ना ने इस जीत को गंभीर के लिए राहत भरी बताया और गिल की नेतृत्व क्षमता की सराहना की. उन्होंने कहा कि गिल का प्रदर्शन प्रेरणादायक रहा और टीम को इससे आत्मविश्वास मिलेगा. साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि लॉर्ड्स टेस्ट में टीम को सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि इंग्लैंड की परिस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं. लॉर्ड्स टेस्ट की शुरुआत गुरुवार, 10 जुलाई से होगी. यह मुकाबला भारत के लिए सीरीज की दिशा तय कर सकता है.


