एशिया कप 2025 में भारत की धमाकेदार शुरुआत, श्रीकांत ने यूएई की टीम पर उठाए सवाल
एशिया कप 2025 में भारत ने अपने पहले मैच में यूएई को नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर टूर्नामेंट में जोरदार आगाज़ किया. लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान क्रिस श्रीकांत ने इस जीत को चुनौतीपूर्ण नहीं माना और यूएई जैसी टीमों की भागीदारी पर सवाल उठाए हैं.

Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 में भारत ने अपने पहले मैच में यूएई को नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर टूर्नामेंट में जोरदार आगाज़ किया. दुबई में खेले गए इस मुकाबले में गेंदबाज़ कुलदीप यादव और ऑलराउंडर शिवम दुबे ने मिलकर सात विकेट चटकाए, जिससे यूएई की टीम मात्र 57 रनों पर सिमट गई. भारत ने यह लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया, जिससे मुकाबला एकतरफा बन गया.
भारत की जीत पर श्रीकांत ने क्या कहा?
इस मैच को लेकर भले ही भारत की जीत की तारीफ हो रही हो, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान क्रिस श्रीकांत ने इस जीत को चुनौतीपूर्ण नहीं माना और यूएई जैसी टीमों की भागीदारी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की कमज़ोर टीमों के खिलाफ खेलकर भारत जैसे मजबूत दल को कोई फायदा नहीं होता.
अपने यूट्यूब चैनल पर श्रीकांत ने कहा कि यह कोई टी20 मुकाबला नहीं था, बल्कि टी5 जैसा लग रहा था. अगर गेंद स्टंप्स पर फेंको, तो यूएई के बल्लेबाज़ आउट हो जाते. ये तो थर्ड डिवीजन की टीम से भी कमजोर प्रदर्शन था. क्या ऐसी टीमों को एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में शामिल करना सही है?
कुलदीप यादव की गेंदबाज़ी काबिल-ए-तारीफ
उन्होंने आगे कहा कि कुलदीप यादव की गेंदबाज़ी काबिल-ए-तारीफ थी, लेकिन शिवम दुबे को यूएई की टीम ने खतरनाक गेंदबाज़ बना दिया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह दुबे की आलोचना नहीं कर रहे, लेकिन ऐसी टीमों के खिलाफ जीत का कोई खास महत्व नहीं होता.
श्रीकांत का मानना है कि टीम इंडिया फिलहाल एशिया की अन्य टीमों से कई कदम आगे है. उन्होंने कहा कि भारत की टीम में इतनी गहराई है कि यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी रिज़र्व में हैं और श्रेयस अय्यर जैसे अनुभवी क्रिकेटर को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल रही.
पाकिस्तान और श्रीलंका भारत को टक्कर दे सकती हैं टक्कर
पूर्व चयनकर्ता अध्यक्ष श्रीकांत ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी टीमें ही भारत को टक्कर दे सकती हैं. अगर अफगानिस्तान के सितारे अनुकूल रहे तो वह भी मुकाबले में आ सकती है. उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि यह भारतीय टीम आज उसी तरह दबदबा दिखा रही है, जैसा कभी वेस्टइंडीज ने 70 और 80 के दशक में दिखाया था.


