निकोलस पूरन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को कहा अलविदा, 29 साल की उम्र में लिया चौंकाने वाला फैसला
वेस्टइंडीज़ के धाकड़ विकेटकीपर-बल्लेबाज़ निकोलस पूरन ने 29 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है. पूरन टी20 फॉर्मेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ों में गिने जाते हैं और उन्होंने वेस्टइंडीज़ के लिए 106 T20I मुकाबलों में 2,275 रन बनाए हैं, जो इस फॉर्मेट में वेस्टइंडीज के किसी भी खिलाड़ी द्वारा सबसे ज़्यादा है.

वेस्टइंडीज के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज़ निकोलस पूरन ने 29 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. टी20 फॉर्मेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाजो में से एक माने जाने वाले पूरन ने सोमवार रात इस फैसले की घोषणा कर क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया. उनके इस फैसले के ठीक कुछ दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा था.
पूरन ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि वह अब केवल फ्रेंचाइजी क्रिकेट में हिस्सा लेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के प्रति उनका प्यार कभी खत्म नहीं होगा. लेकिन उनका यह फैसला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा करता है, खासकर टी20 स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों के लगातार इस स्तर से हटने की वजह से.
सबसे ज्यादा T20I मैच खेलने वाले वेस्टइंडीज़ खिलाड़ी
निकोलस पूरन ने वेस्टइंडीज की जर्सी में कुल 106 T20 इंटरनेशनल मुकाबलों में हिस्सा लिया है, जो इस फॉर्मेट में वेस्टइंडीज़ के किसी भी खिलाड़ी द्वारा सबसे ज्यादा है. वह टीम के लीडिंग टी20 रन-स्कोरर भी हैं, जिन्होंने 2,275 रन बनाए हैं. उनके बल्ले की चमक ने उन्हें दुनिया भर की टी20 लीग्स में एक लोकप्रिय खिलाड़ी बना दिया है.
फ्रेंचाइजी क्रिकेट में रहेगा सफर जारी
पूरन ने साफ किया है कि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर भले ही समाप्त हो रहा हो, लेकिन वह फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में सक्रिय बने रहेंगे. वह वर्तमान में IPL, CPL, BBL और अन्य टी20 लीग्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जहां उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी और विकेटकीपिंग की काबिलियत उन्हें बेहद मूल्यवान बनाती है.
निकोलस पूरन का भावुक संदेश
अपने बयान में पूरन ने लिखा, "यद्यपि मेरे करियर का यह अंतर्राष्ट्रीय अध्याय समाप्त हो गया है, लेकिन वेस्टइंडीज क्रिकेट के प्रति मेरा प्यार कभी कम नहीं होगा. मैं टीम और क्षेत्र के लिए सफलता और आगे की राह के लिए शक्ति की कामना करता हूं." (“हालांकि मेरे करियर का अंतरराष्ट्रीय अध्याय अब समाप्त हो रहा है, लेकिन वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के लिए मेरा प्यार कभी खत्म नहीं होगा. मैं टीम और क्षेत्र को आगे के सफर के लिए सफलता और मजबूती की शुभकामनाएं देता हूं.”)
क्या कहते हैं जानकार?
पूरन और क्लासेन जैसे स्टार खिलाड़ियों का इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहना यह संकेत देता है कि आधुनिक क्रिकेटर अब व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर की बजाय फ्रेंचाइज़ी आधारित क्रिकेट को प्राथमिकता देने लगे हैं. इससे यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की चमक धीरे-धीरे फीकी पड़ रही है?
निकोलस पूरन ने न सिर्फ वेस्टइंडीज़ क्रिकेट में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है. हालांकि उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत हुआ है, लेकिन उनका खेल सफर फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में जारी रहेगा. आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह वहां कैसे अपनी चमक बनाए रखते हैं.