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'BJP शिंदे और उनके लोगों के फोन टैप करवा रही', उद्धव की शिवसेना ने लगाए बड़े आरोप

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भाजपा पर एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों के फोन टैप करने का गंभीर आरोप लगाए हैं. इस आरोप से राज्य की राजनीति में अस्थिरता और साजिशों का नया सिलसिला शुरू होने की आशंका जताई जा रही है. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई खलबली मच गई है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि पार्टी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों के फोन टैप करवा रही है. शिवसेना का कहना है कि शिंदे का राजनीतिक प्रभाव अब खत्म हो चुका है, और भाजपा द्वारा उनके खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं. इन घटनाक्रमों से राज्य की सरकार और राजनीति में अस्थिरता बढ़ती जा रही है.

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित एक संपादकीय में आरोप लगाया गया कि शिंदे और उनके समर्थक अब किसी भी तरह के राजनीतिक मामलों में सक्रिय नहीं हैं. भाजपा की कथित साजिशों के चलते शिंदे का राजनीतिक वजूद कमजोर हो गया है और वे मानसिक दबाव में हैं. इस लेख में यह भी कहा गया कि भाजपा के नेतृत्व में शिंदे और उनके गुट के बीच सटीक सामंजस्य का अभाव है, और शिंदे का राजनीतिक भविष्य अब संदेहास्पद हो गया है.

शिंदे और फडणवीस के बीच अनबन की बढ़ती चर्चाएं

शिवसेना का दावा है कि शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच कोई खास रिश्ता नहीं बचा है. दोनों नेताओं के बीच संघर्ष की स्थिति सामने आ रही है, जिससे शिंदे का मनोबल गिर चुका है. पार्टी के एक विधायक ने संजय राउत से बातचीत के दौरान बताया कि शिंदे अब मुख्यमंत्री बनने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन भाजपा द्वारा किए गए वादे उनके लिए निराशाजनक साबित हो रहे हैं. इस विधायक के मुताबिक, शिंदे को यह महसूस हो रहा है कि अमित शाह ने उन्हें धोखा दिया है, क्योंकि चुनावी वादों के बावजूद उनका राजनीतिक भविष्य अनिश्चित है.

शिंदे की स्थिति में गहरी गिरावट

'सामना' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे अब मानसिक रूप से टूट चुके हैं और उनके काम में कोई दिलचस्पी नहीं रही. शिंदे को लेकर पार्टी के भीतर भी असंतोष की आवाजें उठने लगी हैं. विधायक ने बताया कि शिंदे सरकारी बैठकों में लगातार देर से पहुंचते हैं और उनका रवैया अब तक गैरजिम्मेदाराना हो गया है. भाजपा के कई विधायकों ने अब इस पर आपत्ति जताई है. वे शिंदे के देरी से बैठकें अटेंड करने और उनका सुस्त रवैया लेकर परेशान हो चुके हैं.

अजित पवार का फडणवीस के साथ मजबूत रिश्ता

वहीं, अजित पवार की स्थिति शिंदे से काफी बेहतर मानी जा रही है. उन्होंने अपनी सीमाओं को पहचान लिया है और फडणवीस के साथ अपने रिश्ते को मजबूती दी है. राजनीतिक गठजोड़ में अजित पवार ने अपनी जगह बना ली है, और वे अब अपनी स्थिति में संतुष्ट हैं. पवार ने ईडी की कार्रवाई को टलवाने में सफलता पाई और उपमुख्यमंत्री का पद पुनः प्राप्त किया. यह भी माना जा रहा है कि अजित पवार ने मुख्यमंत्री बनने का सपना छोड़ दिया है और वे अब बाहरी रूप से सुरक्षित रहकर अपना राजनीतिक भविष्य संवार रहे हैं.

शिंदे की पार्टी का भविष्य अनिश्चित

वर्तमान में शिंदे के पास कोई स्पष्ट राजनीतिक नीति नहीं है. वे अब भी भाजपा के समर्थन पर निर्भर हैं, लेकिन शिंदे के भविष्य पर कोई स्पष्टता नहीं है. पार्टी के भीतर एकता का अभाव है और भाजपा से उनका समर्थन भी सतही है. पार्टी का मानना है कि अमित शाह का मुख्य उद्देश्य बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को कमजोर करना और मुंबई पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करना है. शिंदे की मदद से भाजपा ने यह अभियान तेज किया है, लेकिन जैसे ही यह उद्देश्य पूरा होगा, शिंदे के लिए राजनीतिक विकल्पों का मार्ग बंद हो जाएगा.

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02 February 2025, 11:02 AM IST

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