'मैंने तुम्हारे लिए अपनी पत्नी को मार डाला', हत्या के कुछ हफ्ते बाद बेंगलुरु के डॉक्टर ने महिला मित्रों को भेजा मैसेज
बेंगलुरु के डॉ. महेंद्र रेड्डी को पत्नी डॉ. कृतिका की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया. उन्होंने प्रोपोफोल दवा देकर पत्नी की जान ली और बाद में फोनपे पर महिलाओं को लिखा, “मैंने तुम्हारे लिए पत्नी को मारा.” फॉरेंसिक रिपोर्ट से हत्या की पुष्टि हुई. आरोपी के परिवार का आपराधिक इतिहास भी सामने आया.

बेंगलुरुः बेंगलुरु के जनरल सर्जन डॉ. महेंद्र रेड्डी जी.एस. को अपनी पत्नी डॉ. कृतिका एम. रेड्डी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस जांच में अब इस मामले का एक नया और चौंकाने वाला पहलू सामने आया है. रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के चार से पांच हफ्ते बाद आरोपी ने कई महिलाओं को पेमेंट ऐप फोनपे के ज़रिए संदेश भेजा था, जिसमें लिखा था, “मैंने तुम्हारे लिए अपनी पत्नी को मार डाला.”
पुलिस के अनुसार, यह संदेश उसने फोनपे के ट्रांजैक्शन नोट्स सेक्शन में लिखा था. संदेश पाने वालों में एक महिला मेडिकल प्रोफेशनल भी थी, जिसने पहले आरोपी के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. पुलिस ने जब आरोपी का मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा, तो इन संदेशों का खुलासा हुआ. पुलिस का कहना है कि पत्नी की हत्या के बाद महेंद्र अपने पुराने रिश्ते फिर से जोड़ने की कोशिश कर रहा था और उन्हीं महिलाओं से संपर्क साध रहा था जिनसे वह पहले जुड़ा हुआ था.
इलाज के बहाने की गई थी हत्या
पुलिस के अनुसार, डॉ. महेंद्र रेड्डी ने अपनी पत्नी को प्रोपोफोल नामक बेहोशी की दवा देकर मार डाला था. यह दवा सामान्यतः ऑपरेशन थियेटर में ही उपयोग की जाती है और बिना निगरानी के इसका इस्तेमाल घातक हो सकता है. महेंद्र और कृतिका दोनों विक्टोरिया अस्पताल में काम करते थे. उनकी शादी 26 मई 2024 को हुई थी. लेकिन शादी के एक साल के अंदर ही 23 अप्रैल 2025 को कृतिका की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि कृतिका स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अपने पिता के मराठाहल्ली स्थित घर में रह रही थी. वहीं, महेंद्र उससे मिलने गया और दो दिनों तक उसे नसों में इंजेक्शन लगाता रहा. उसने परिवार को बताया कि यह दवा कृतिका के इलाज का हिस्सा है. लेकिन 23 अप्रैल की रात वह अचानक गिर पड़ी और पास के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बहन की शिकायत से खुला मामला
शुरुआत में पुलिस ने इसे अप्राकृतिक मृत्यु (Unnatural Death Report) मानकर मामला दर्ज किया, क्योंकि मौत के कोई स्पष्ट संकेत नहीं थे. हालांकि, कृतिका की बहन डॉ. निकिता एम. रेड्डी ने संदेह जताते हुए कहा कि उसकी बहन की मौत संदिग्ध है. उसने विस्तृत जांच की मांग की. लगभग छह महीने बाद फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट ने इस संदेह की पुष्टि कर दी. रिपोर्ट में कृतिका के कई अंगों में प्रोपोफोल की मात्रा पाई गई, जिससे यह साफ हो गया कि उसे जानबूझकर बेहोशी की दवा दी गई थी.
इसके बाद मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 103 (हत्या) के तहत दर्ज किया गया और पुलिस ने आरोपी को मणिपाल, उडुपी से गिरफ्तार कर लिया, जहां वह पत्नी की मौत के बाद शिफ्ट हो गया था.
आरोपी के परिवार की आपराधिक पृष्ठभूमि
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि महेंद्र का परिवार पहले से ही कई आपराधिक मामलों में लिप्त रहा है. उसके जुड़वां भाई डॉ. नागेंद्र रेड्डी जी.एस. पर 2018 में कई धोखाधड़ी और आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, महेंद्र और उसका दूसरा भाई राघव रेड्डी जी.एस. वर्ष 2023 में धमकी देने के एक मामले में सह-आरोपी थे. कृतिका के परिवार का आरोप है कि शादी के समय इन तथ्यों को छिपाया गया था.


