खुला फाटक बना मौत का दरवाजा! तमिलनाडु में स्कूल वैन को ट्रेन ने 50 मीटर तक घसीटा, दो मासूमों की गई जान
तमिलनाडु के कड्डलोर जिले में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक स्कूल वैन को ट्रेन ने टक्कर मार दी. इस भीषण टक्कर में दो स्कूली छात्रों की मौत हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसा उस समय हुआ जब वैन एक मानवरक्षित रेलवे क्रॉसिंग को पार कर रही थी.

Tamil Nadu Train Accident: मंगलवार सुबह तमिलनाडु के कड्डलोर जिले के सेम्मनकुप्पम इलाके में एक भीषण रेल हादसे में दो स्कूली छात्रों की मौत हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हादसा उस वक्त हुआ जब स्कूल वैन रेलवे ट्रैक पार कर रही थी और एक ट्रेन ने उसे टक्कर मार दी. घायलों को तुरंत कड्डलोर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई और स्थानीय लोग दौड़कर सहायता के लिए पहुंचे.
हादसे की जानकारी के अनुसार, स्कूल वैन में कुल 5 छात्र और एक ड्राइवर सवार थे. वैन एक मानवरक्षित लेकिन 'नॉन-इंटरलॉक्ड' लेवल क्रॉसिंग को पार कर रही थी, तभी वहां से गुजर रही ट्रेन संख्या 56813 (विल्लुपुरम–मायलाडुथुरै पैसेंजर सेवा) ने उसे टक्कर मार दी. अधिकारियों ने बताया कि वैन पर ट्रेन की टक्कर इतनी तेज थी कि वह उसे करीब 50 मीटर तक घसीटते हुए ले गई.
गेट बंद कर रहा था गेटकीपर
प्रत्यक्षदर्शियों और शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि हादसे के समय गेटकीपर ट्रैक को बंद करने की प्रक्रिया में था, लेकिन वैन चालक ने कथित रूप से नियमों की अनदेखी करते हुए जबरन पार करने की कोशिश की. इसी लापरवाही के चलते यह दुखद हादसा हुआ.
ट्रैक पर मिले छात्रों के शव
हादसे के बाद स्थानीय लोगों को रेलवे ट्रैक पर दो छात्रों के शव मिले. ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को सूचना दी. रेलवे विभाग और स्थानीय पुलिस ने मिलकर इस मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.
राहत ट्रेन और अधिकारी मौके पर रवाना
रेलवे ने तुरंत राहत कार्य के लिए मेडिकल सुविधाओं से लैस एक राहत ट्रेन को रवाना किया है. इसके अलावा डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) और अन्य ब्रांच ऑफिसर्स भी मौके पर पहुंच रहे हैं ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके.
इस हादसे ने रेलवे क्रॉसिंग की सुरक्षा और स्कूल वाहनों की निगरानी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रशासन से लेकर अभिभावकों तक में चिंता का माहौल है.


