मथुरा में भयानक तूफान ने मचाई तबाही, 700 खंभे टूटे, 150 से ज्यादा गांव 36 घंटे तक अंधेरे में डूबे
मथुरा में तूफान ने मचाई भारी तबाही, 700 से ज्यादा खंभे टूटे और 150 से ज्यादा गांवों में बिजली गुल हो गई. बिजली बहाल करने में संविदा कर्मचारियों की हड़ताल ने भी मुश्किलें बढ़ा दीं. अब अधिकारी जल्दी से बिजली लौटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस पूरी घटनाक्रम की असल वजह और हालात जानने के लिए पूरी खबर जरूर पढ़ें!

Darkness in Mathura: मथुरा में आए जोरदार आंधी-तूफान ने जमकर तबाही मचाई है. इस तूफान के कारण 700 से ज्यादा बिजली के खंभे टूट गए और कई ट्रांसफार्मर भी खराब हो गए. इसके चलते लगभग 36 घंटे तक बिजली गुल रही और 150 से अधिक गांवों में अंधेरा छा गया. पानी की सप्लाई भी बाधित हो गई जिससे ग्रामीणों का जीवन मुश्किल हो गया. संविदा कर्मचारियों की हड़ताल ने हालात और बिगाड़ दिए लेकिन बाद में वे काम पर लौट आए और बिजली बहाल करने की कोशिश तेज हुई.
36 घंटे तक रहा मथुरा-ग्रामीण इलाकों में अंधेरा
बुधवार की रात लगभग 9:30 बजे तेज़ चक्रवात आया, जिसने कुछ ही पलों में जिले में 700 से अधिक बिजली के खंभे गिरा दिए और 30 से ज्यादा ट्रांसफार्मर भी खराब कर दिए. बिजली पूरी तरह से चली गई और इलाके में अंधेरा छा गया. कई इलाकों में बिजली बहाल होने में 36 घंटे से ज्यादा समय लग गया. खासकर जयगुरुदेव क्षेत्र के सलेमपुर और अलंकार उपकेंद्र क्षेत्र में तो 18 घंटे बाद ही बिजली आई.
संविदा कर्मियों की हड़ताल बनी बिजली बहाली में बाधा
जिले में संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण बिजली की आपूर्ति बहाल करने में काफी दिक्कतें आईं. संविदा यूनियन के जिलाध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि निगम ने उनकी मांगें मान ली हैं. इसके बाद सभी कर्मचारी काम पर लौट आए और बिजली बहाली में तेजी आई. अभी भी कई गांवों में बिजली पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई है. अधिकारी लगातार नई खंभे लगाने और टूटे ट्रांसफार्मर की मरम्मत कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल की जा सके.
पानी की आपूर्ति भी हुई प्रभावित, ग्रामीण हुए परेशान
बिजली न होने के कारण पानी की सप्लाई भी बाधित हो गई. कई गांवों में पानी का संकट हो गया. ग्रामीणों ने ट्रैक्टर और जेनरेटर की मदद से पानी जुटाने की कोशिश की. बरौली, महावन, बलदेव, फरह, मांट, छाता, बरसाना, गोवर्धन और वृंदावन जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. कई लोगों ने बताया कि बिजली न होने से मोबाइल चार्ज करना भी मुश्किल हो गया.
अधिकारियों ने दी बिजली जल्द बहाल करने की उम्मीद
मुख्य अभियंता राजीव गर्ग ने कहा कि अभी 11 केवी के उपकेंद्र भी चालू कर दिए गए हैं और टूटे हुए खंभे लगाने का काम तेजी से चल रहा है. बिजली आपूर्ति जल्द पूरी तरह बहाल करने के लिए सभी टीमें काम कर रही हैं. उन्होंने लोगों से धैर्य रखने की अपील की है.
सिस्टम की पुरानी कमजोरी फिर सामने आई
बिजली व्यवस्था की पुरानी समस्याएं इस बार फिर उजागर हुईं. 25 मिनट के इस तूफान ने जिले में 36 घंटे तक अंधेरा फैला दिया. अधिकारी और विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने में पिछड़ गए. संविदा कर्मियों की हड़ताल ने स्थिति और खराब कर दी. ग्रामीणों ने सवाल उठाए कि जब हम तकनीक के मामले में इतनी दूर बढ़ गए हैं तो बिजली व्यवस्था क्यों पुराने ढर्रे पर चल रही है?
मथुरा में आई तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई और बिजली व्यवस्था की कमजोरी को बखूबी उजागर किया. संविदा कर्मियों की हड़ताल ने आपूर्ति बहाल करने में और भी देरी की. बावजूद इसके अधिकारियों की लगातार कोशिश जारी है कि जल्द से जल्द 150 से ज्यादा गांवों में बिजली वापस लाई जाए.


