72 मौतें, 40 लापता... हिमाचल प्रदेश में मानसून की तबाही, भारी बारिश से 500 से ज्यादा सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारीश ने भारी तबाही मचा रखा है.72 लोगों की मौत हो गई है, 40 लापता हैं और बाढ़ और भूखलन के कारण 500 से ज्यादा सड़के भी बंद हो गई हैं.फिर भी बचाव कार्य जारी है और आगे अभी 7 जुलाई तक भारी बारीश का अनुमान है

Himachal Monsoon 2025: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार भयंकर तबाही मचाई है. मूसलाधार बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को जलमय कर दिया है, जिसके कारण 72 लोगों की जान चली गई और 40 लोग अभी भी लापता हैं. भूस्खलन और बाढ़ ने सैकड़ों सड़कों को बंद कर दिया, जिससे जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है. प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन बारिश का रुक-रुक कर जारी रहना उनके लिए चुनौती बना हुआ है. प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आवश्यक सहायता कार्य जारी हैं.
भारी बारिश ने मचाई तबाही
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. नदियों और नालों में उफान के कारण कई गांव और कस्बे जलमग्न हो गए हैं. अब तक इस आपदा में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है, और 40 लोग अभी भी लापता हैं.
सड़कें और लगातार हो रहे भूस्खलन
राज्य में भूस्खलन और बाढ़ के कारण 500 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं. इससे कई क्षेत्रों का संपर्क मेन शहरों से कट गया है. "बचाव टीम लगातार सड़कों को खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बारिश और भूस्खलन के कारण काम में लगातार बाधा आ रही है. प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है.
बचाव कार्य तेज और प्रशासन
प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDRF) ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं. "लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करा रहे हैं," एक राहत अधिकारी ने कहा. कई स्थानों पर अस्थायी आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जहां बेघर लोगों को ठहराया जा रहा है.
लगातार बारिश और भूस्खलन से राहत कार्यों में काफी दिक्कतें पैदा कर रहा है. कई क्षेत्रों में बिजली और संचार सेवाएं भी ठप हैं, जिससे लोग आपस में एक दुसरे से कनेक्ट भी नही हो पा रहें हैं. प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों के पास न जाने की अपील की है और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है.