9 साल की रिया पांच लोगों को दे गई नई जिंदगी, ब्रेन डेड होने पर... माता-पिता ने डोनेट किए ऑर्गन
गुजरात की 9 वर्षीय रिया की कहानी विश्व अंग दान दिवस पर प्रेरणा देती है. मस्तिष्क मृत घोषित होने के बाद, उसके परिवार ने उसके अंगों का दान किया, जिससे पांच जरूरतमंदों को नया जीवन मिला. रिया के हाथों से अनामता ने राखी बांधकर दोनों परिवारों को जोड़ा. डॉक्टरों ने परिवार को अंग दान के लिए प्रेरित किया. यह कहानी organ donation awareness और life-saving organ donation का संदेश देती है.

Organ Donation Awareness : हर साल 13 अगस्त को विश्व अंग दान दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों में अंग दान के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके. इस दिन का उद्देश्य न केवल अंग दान की आवश्यकता को समझाना है, बल्कि उन लोगों को सम्मानित करना भी है जिन्होंने अपने अंग दान कर दूसरों की जिंदगी बचाई है. इस साल विश्व अंग दान दिवस का थीम है 'Answering The Call' यानी 'आह्वान का जवाब देना'.
गुजराती लड़की रिया की प्रेरणादायक कहानी
रिया के अंगों ने दी पांचों को नई ज़िंदगी
रिया का एक गुर्दा नवसारी के 13 वर्षीय एक बच्चे को दिया गया. उनका दूसरा गुर्दा अहमदाबाद के एक अस्पताल को दिया गया. उनकी फेफड़े तमिलनाडु की 13 वर्षीय एक लड़की को ट्रांसप्लांट किए गए. रिया के फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में सफलतापूर्वक लगाए गए. रिया के हाथ मुंबई की अनामता अहमद को दान किए गए, जिन्होंने तीन साल पहले एक हादसे में अपने हाथ गंवा दिए थे.
राखी का अनोखा त्यौहार, दो परिवारों का मेल
राखी के इस पर्व पर रिया के हाथ अनामता को दान किए गए. अनामता ने रिया के भाई शिवम मिस्त्री को राखी बांधी. यह भावनात्मक पल दोनों परिवारों को जोड़ने वाला था. अनामता ने तीन साल पहले अपने पिता के घर की छत पर खेलते समय 11,000 किलोवाट की हाई टेंशन लाइन को छूने से अपने हाथ खो दिए थे. अब रिया के हाथों ने उन्हें फिर से खुशियों से जोड़ा.
डॉक्टरों ने प्रेरित किया अंग दान के लिए?
रिया, जो कि कक्षा चौथी की छात्रा थी, को 16 सितंबर को मृत घोषित किया गया था. इस कठिन समय में प्रसिद्ध गायनी डॉक्टर उषा माश्री और DonateLife के संस्थापक निलेशभाई मंडलेवाला ने रिया के परिवार को अंग दान करने के लिए प्रोत्साहित किया. उनके मार्गदर्शन में परिवार ने रिया के गुर्दे, जिगर, फेफड़े, आंखें, छोटी आंत और हाथ दान करने का साहस दिखाया.
रिया की कहानी हमें यह सिखाती है कि अंग दान से न केवल जीवन बचता है, बल्कि मानवता और एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ती है. विश्व अंग दान दिवस के अवसर पर हमें भी इस नेक कार्य के लिए जागरूक होना चाहिए और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए.


