Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में जल्द होगा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, EC के इस कदम से तेज हुई अटकलें
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग अगले महीने दौरे पर आ सकता है, जिससे तारीखों की घोषणा की अटकलें तेज हो गई हैं. एनडीए सत्ता में वापसी की कोशिश में है, जबकि INDIA गठबंधन बदलाव चाहता है. कांग्रेस 24 सितंबर को पटना में CWC बैठक करेगी. जबकि, नीतीश सरकार ने कई लोकलुभावन योजनाएं घोषित कर चुनावी रणनीति को धार दी है.

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसी संभावना है कि चुनाव आयोग अगले महीने की शुरुआत में बिहार का दौरा करेगा, जो परंपरा के अनुसार चुनावी तारीखों की घोषणा से ठीक पहले किया जाता है. इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनावी कार्यक्रम की घोषणा जल्द ही हो सकती है. यह दौरा चुनावी तैयारियों का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है, जो चुनावी माहौल को और गरमाएगा.
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कांग्रेस की रणनीति और आगामी कार्य समिति बैठक
चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. 24 सितंबर को पटना में कांग्रेस की कार्य समिति (CWC) की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अन्य महत्वपूर्ण नेता हिस्सा लेंगे. इस बैठक में पार्टी के चुनावी रणनीति, बढ़ते अपराध, बेरोजगारी, महंगाई और वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी. कांग्रेस इस बैठक के जरिए बिहार के मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी और विपक्षी दल के तौर पर अपनी भूमिका को प्रभावी बनाएगी.
नीतीश सरकार की लोकलुभावन योजनाएं
चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है. इनमें मुफ्त बिजली योजना, 10,000 ‘विकास मित्रों’ की नियुक्ति शामिल है जो गांवों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ेंगे. साथ ही, सरकार ने 30,000 से अधिक शिक्षा सेवकों और तालिमी मरकज़ के लिए 10,000 रुपये की सहायता देने का भी फैसला किया है, जिससे वे स्मार्टफोन खरीदकर बच्चों को औपचारिक शिक्षा से जोड़ सकें. इन कदमों का उद्देश्य पिछड़े और कमजोर वर्गों को विकास के मुख्यधारा में लाना है और चुनावी समर्थन पाना है.
चुनावी माहौल और भविष्य की चुनौतियां
बिहार में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है और राजनीतिक दल अपने-अपने समर्थन बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं. चुनाव आयोग की आगामी यात्रा, कांग्रेस की रणनीतिक बैठक, और सरकार की नई योजनाएं सभी मिलकर चुनावी लड़ाई को और भी जटिल बना रही हैं. इस बार के चुनावों में अपराध, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे भी प्रमुख रहेंगे. बिहार के मतदाता इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे, जो भविष्य में राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेगा. कुल मिलाकर, बिहार की राजनीति इस चुनाव से एक नई दिशा लेने की संभावना रखती है.


