470 हिंदू सांसद होंगे तब देश बनेगा हिंदू राष्ट्र...श्री जगन्नाथ धाम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान बोले रामभद्राचार्य
तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने श्री जगन्नाथ धाम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश हिंदू राष्ट्र तभी बनेगा जब संसद में 470 हिंदू सांसद होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे बच्चों को अपने वेद, शास्त्र के बारे में कुछ पता नहीं है.

फतेहपुर : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रामगंज पक्का तालाब में प्रस्तावित श्री जगन्नाथ धाम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य ने ऐसा बयान दिया जिसने राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही हलकों में हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा कि जब भारत की संसद में 470 सांसद हिंदू धर्म के प्रतिनिधि होंगे, तभी देश हिंदू राष्ट्र बन सकेगा. उनके इस बयान ने एक बार फिर सनातन संस्कृति और राष्ट्रवाद की बहस को नया मोड़ दे दिया है.
“बच्चों को अपने धर्म की पहचान नहीं”
गैर हिंदुओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा
श्री जगन्नाथ धाम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह मंदिर केवल हिंदू श्रद्धालुओं के लिए होगा, और गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा. उनके अनुसार, यह मंदिर सिर्फ ईश्वर का धाम नहीं बल्कि हिंदू एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनेगा.
चित्रकूट में गुरुकुल निर्माण का ऐलान
जगतगुरु रामभद्राचार्य ने चित्रकूट में एक गुरुकुल स्थापित करने की घोषणा की, जहाँ हिंदू बच्चों को धर्मशास्त्रों और सनातन परंपराओं की शिक्षा दी जाएगी. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति और धर्म की मूल जड़ों से जोड़ें. इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक भाजपा नेता संतोष तिवारी से “गुरु दक्षिणा” के रूप में चार लाख ईंटों का दान मांगा, जिसे उन्होंने स्वीकार किया.
जगन्नाथ मंदिर, धार्मिक जागरण और एकता का प्रतीक
रामभद्राचार्य ने कहा कि फतेहपुर में बनने वाला जगन्नाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि धर्म जागरण और हिंदू समाज की एकता का प्रतीक बनेगा. उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस मंदिर निर्माण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें ताकि फतेहपुर जनपद एक धर्मनगरी के रूप में प्रतिष्ठित हो सके. कार्यक्रम में पुरी के जगन्नाथ धाम के मुख्य पुजारी दैतातय भवानी दास जी महाराज सहित कई संत-महात्मा मौजूद रहे. रामभद्राचार्य के इस बयान ने जहां धार्मिक उत्साह को बढ़ाया, वहीं राजनीतिक गलियारों में भी नई चर्चा को जन्म दे दिया है.


