गौ-तस्करों ने की 19 वर्षीय NEET छात्र की हत्या, विरोध में उतरे स्थानीय लोग, सड़क जाम कर किया बवाल
गोरखपुर के जंगलधूसर गांव में 19 वर्षीय नीट छात्र दीपक गुप्ता की संदिग्ध गौ-तस्करों द्वारा हत्या कर दी गई. घटना के बाद गांव में उग्र प्रदर्शन हुआ, जिसमें एक वाहन जलाया गया और पुलिस पर पथराव किया गया. दीपक ने तस्करों को रोकने की कोशिश की थी. पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश जारी है और स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है.

Deepak Gupta NEET Death : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के जंगलधूसर गांव में 16 सितंबर की रात एक दर्दनाक घटना में 19 वर्षीय छात्र दीपक गुप्ता की मौत हो गई. दीपक मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी कर रहा था. जब संदिग्ध गौ-तस्कर गांव में मवेशियों को चुराने घुसे, तो दीपक ने उन्हें रोकने की कोशिश की. ग्रामीणों के अनुसार, तस्करों ने दीपक को गोली मार दी, जबकि पुलिस का दावा है कि उसे लात मारकर गिराया गया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि घटना के बाद से गांव में तलाशी अभियान जारी है. पांच विशेष टीमें आरोपियों को पकड़ने के लिए गठित की गई हैं. पुलिस के मुताबिक, तस्करों के तीन वाहन रात लगभग 12:30 बजे गांव में घुसे और मवेशियों को खोलने लगे. शोर सुनकर ग्रामीण जाग गए और विरोध किया. इसी दौरान दीपक ने उनका पीछा किया और कुछ ही घंटों बाद उसका शव सारैया गांव के पास पाया गया, जो उसके घर से करीब चार किलोमीटर दूर है.
गुस्साए ग्रामीणों ने किया विरोध, पुलिसकर्मी घायल
स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात
स्थिति पर काबू पाने के लिए चार थानों की फोर्स और प्रांतीय सशस्त्र बल (PAC) की एक यूनिट तैनात की गई. उच्च अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दीपक के परिवार और ग्रामीणों से बातचीत की, ताकि स्थिति को शांत किया जा सके. कई घंटों तक मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित रहा. पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, और जांच तेजी से चल रही है.
मृत्यु से पूरे इलाके में आक्रोश का माहौल
दीपक गुप्ता की दुखद मृत्यु ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है. यह घटना ना केवल गौ-तस्करी की बढ़ती घटनाओं की ओर संकेत करती है, बल्कि ग्रामीण सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है. पुलिस पर विश्वास बनाए रखना और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना अब प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.


