गाजियाबाद में 50 हजार का इनामी बदमाश बलराम एनकाउंटर में ढेर, अनिल दुजाना गैंग का था सदस्य
गाजियाबाद पुलिस ने एनकाउंटर में 50 हजार के इनामी बदमाश और अनिल दुजाना गैंग के सदस्य बलराम ठाकुर को मार गिराया. इस कार्रवाई से जिले में अपराधियों के हौसले पस्त होने और कानून-व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है.

गाजियाबाद पुलिस ने शनिवार देर शाम एक बड़ी सफलता हासिल की, जब 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश बलराम ठाकुर को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. बलराम, कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना गिरोह का सक्रिय सदस्य था और लंबे समय से पुलिस की वांछित सूची में शामिल था. उस पर हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे, जिससे इलाके में उसका खौफ फैला हुआ था.
वेव सिटी थाना क्षेत्र के पास की घटना
यह मुठभेड़ वेव सिटी थाना क्षेत्र के अंडरपास के पास हुई. पुलिस की जानकारी के अनुसार, संयुक्त टीम ने जब बलराम को घेरने की कोशिश की तो उसने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. आत्मरक्षा और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिससे बलराम गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एनकाउंटर से पहले बलराम ने दो बड़ी वारदात की कोशिश की थी. दो दिन पूर्व उसने गाजियाबाद की मदन स्वीट्स और एक लोहे के कारोबारी से लाखों रुपये की रंगदारी मांगी थी. इस शिकायत के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ घेरा और कड़ा शिकंजा कसना शुरू किया. इस ऑपरेशन में एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और स्वॉट टीम प्रभारी अनिल राजपूत के नेतृत्व में पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पुलिस के मुताबिक, बलराम को पकड़ना लगातार चुनौतीपूर्ण हो रहा था क्योंकि वह बार-बार ठिकाना बदलकर गिरफ्त से बच निकलता था.
लोगों ने ली राहत की सांस
पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ के कार्यकाल का यह पहला बड़ा एनकाउंटर माना जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से अपराधियों को स्पष्ट संदेश गया है कि गाजियाबाद में अपराध और कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि बलराम की मौत से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है. उसका आतंक व्यापारियों और आम नागरिकों के बीच लगातार बढ़ रहा था. अब पुलिस को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से जिले में अपराध का ग्राफ नीचे जाएगा और अन्य गैंग के सदस्य भी दबाव में आएंगे.
पुलिस का मानना है कि अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कार्रवाई जरूरी है और इस एनकाउंटर ने यही साबित किया है. यह मुठभेड़ गाजियाबाद की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकती है.


