दे दनादन... महाराष्ट्र विधानसभा में BJP-NCP के विधायकों में जमकर हुई हाथापाई
महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में जमकर चले लात-घूंसे चले. BJP और शरद पवार की पार्टी के विधायकों के बीच हुई तीखी झड़प ने हाथापाई तक पहुंचा गया.

Maharashtra Assembly: महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में बुधवार को ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसे देखकर लोकतंत्र की गरिमा पर सवाल उठने लगे हैं. विधानसभा की लॉबी में भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों के बीच तीखी झड़प हो गई, जो देखते ही देखते हाथा पाई में बदल गई. इस दौरान लात-घूंसे चले और दोनों पक्षों के समर्थकों में जमकर धक्का-मुक्की भी हुई. जिसके तुरंत बाद घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होगा, जिसमें भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच जोरदार मारपीट देखी जा रही है. इस हिंसा ने विधानसभा की कार्यवाही को शर्मसार कर दिया, और राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया.
भड़काऊ टिप्पणी बनी विवाद की जड़
इस विवाद की शुरुआत जितेंद्र आव्हाड की उस टिप्पणी से मानी जा रही है, जो उन्होंने विधानसभा परिसर में एक महिला के ‘मंगलसूत्र’ को लेकर रेड कार्पेट पर चलते हुए की थी. भले ही आव्हाड ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इसे सीधे तौर पर गोपीचंद पडलकर पर तंज माना गया. इससे पहले भी दोनों नेताओं के बीच मतभेद चल रहे थे, जो इस घटना में हिंसक रूप में सामने आए.
लॉबी में हुई हाथापाई
विधानसभा की लॉबी में हुई धक्का-मुक्की पर संजय उपाध्याय ने सदन में कड़ी प्रतिक्रिया दी और इस घटना की तत्काल जांच कर कार्रवाई की मांग की. इस पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आश्वासन दिया, 'हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही जांच शुरू की जाएगी.'
उद्धव ठाकरे का सवाल
इस घटना पर उद्धव ठाकरे ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, 'इन गुंडों को विधानसभा परिसर में घुसने के लिए पास किसने दिए?' उन्होंने आगे कहा, 'विधानसभा परिसर में ऐसी घटनाएं पूरी तरह अस्वीकार्य हैं. अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और गृह विभाग को इसका संज्ञान लेना चाहिए और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.'
विधानसभा की गरिमा पर उठे सवाल
यह घटना सिर्फ एक राजनीतिक विवाद नहीं, बल्कि लोकतंत्र की सबसे पवित्र संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है. राजनीतिक विरोध स्वाभाविक है, लेकिन हाथापाई और गाली-गलौज जैसी घटनाएं हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को कलंकित करती हैं. अब देखना होगा कि विधानसभा अध्यक्ष और राज्य सरकार इस पूरे प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं.


