AK-47 से खेलने वाला नक्सली सरगना, बम बनाने में था माहिर...जानिए कैसे बन गया था आतंक का चेहरा
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में माओवादी संगठन का टॉप लीडर नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू मारा गया. उस पर सरकार ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम रखा था. बसवराजू पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केंद्रीय कमेटी का सदस्य था और 2018 से महासचिव पद पर था.

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच चल रही भीषण मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. देश के सबसे वांछित नक्सलियों में शामिल और 1.5 करोड़ रुपए के इनामी नक्सली नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू को ढेर कर दिया गया है. बसवराजू CPI (माओवादी) संगठन का महासचिव था और पिछले चार दशकों से इस खतरनाक नेटवर्क का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था.
मुठभेड़ में अब तक 26 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि एक जवान शहीद हुआ है. मुठभेड़ अभी भी जारी है. इस कार्रवाई को DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवानों ने अंजाम दिया, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद नक्सलियों के इस टॉप कमांडर को मार गिराया.
कौन था बसवराजू?
बसवराजू का असली नाम नंवबल्ला केशव राव था. वह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा गांव का रहने वाला था और उसकी उम्र करीब 70 साल थी. साल 2018 से वह CPI (माओवादी) संगठन का महासचिव था और पिछले 35 वर्षों से केंद्रीय समिति का सदस्य रहा. वह एके-47 रायफल लेकर चलता था और भारत के चार राज्यों—छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में सक्रिय था.
इंजीनियरिंग छोड़ बन गया माओवादी
बसवराजू ने वारंगल स्थित रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की थी. बताया जाता है कि 1970 के दशक में उसने घर छोड़ दिया और माओवादी आंदोलन से जुड़ गया. उसके पास तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ युद्ध कौशल की भी जबरदस्त समझ थी. यही वजह थी कि वह संगठन के केंद्रीय सैन्य आयोग का प्रमुख भी रहा.
माओवादी संगठन में 35 साल तक शीर्ष पदों पर रहा
बसवराजू माओवादी संगठन की पोलित ब्यूरो का 24 वर्षों तक सदस्य रहा और उसकी पहचान एक कट्टर रणनीतिकार के रूप में थी. उसके नाम कई बड़े नक्सली हमलों की साजिशों का इतिहास जुड़ा हुआ है. सुरक्षाबलों के लिए वह एक बड़ी चुनौती बना हुआ था और उसकी धरपकड़ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने उस पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था.
नक्सली हमलों की मास्टरमाइंड था बसवराजू
1. 2010 दंतेवाड़ा हमला
CRPF के 76 जवान इस हमले में शहीद हुए थे. इसे देश के इतिहास का सबसे बड़ा नक्सली हमला माना जाता है.
2. 2013 जीरम घाटी हमला
इस हमले में 27 लोग मारे गए थे, जिनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा और कांग्रेस नेता नंद कुमार पटेल शामिल थे.
3. 2018 अराकू हमला
आंध्र प्रदेश के तेलुगु देशम पार्टी के विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की हत्या की साजिश भी बसवराजू ने रची थी.
4. 2019 गढ़चिरौली हमला
महाराष्ट्र में हुए इस हमले में 15 कमांडो और एक अन्य व्यक्ति की जान गई थी. इसका मास्टरमाइंड भी बसवराजू ही था.
इन नामों से भी जाना जाता था
बसवराजू को माओवादी संगठन में कई नामों से जाना जाता था. गनगन्ना, विजय, दरपू नरसिम्हा रेड्डी, नरसिम्हा, प्रकाश और कृष्णा. सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, वह छिपने और पहाड़ियों में युद्ध की रणनीति बनाने में माहिर था.
सुरक्षाबलों की बड़ी जीत
DRG जवानों ने इस मुठभेड़ में बसवराजू को मार गिराकर माओवादी नेटवर्क को एक बड़ा झटका दिया है. यह कार्रवाई उन तमाम सुरक्षाबलों की जीत है, जो वर्षों से इस दुर्दांत नक्सली को ढूंढ रहे थे.


