चुनाव प्रचार के दौरान गोपालगंज में JDU-कांग्रेस के समर्थकों में हिंसक झड़प...चाकू लगने से एक घायल
बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने है, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान कई जगहों से हिंसा होने की खबर भी सामने आ रही है. कुछ दीन पहले ही जन सुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी. अब गोपालगंज में एक बार फिर जदयू और कांग्रेस के समर्थकों में झड़प हुई है.

बिहार : बिहार चुनाव के बीच राजनीतिक हिंसा की खबरें लगातार बढ़ रही हैं. हाल ही में गोपालगंज जिले के कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (जदयू) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी झड़प हुई. यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पटना के मोकामा में भी जनसुराज के जन समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या जैसी घटनाएँ सामने आई हैं, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.
गोपालगंज में जदयू और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में झड़प
शिकायत और दोनों पक्षों का आरोप
घटना के बाद दोनों दलों के समर्थकों ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने झंडा फाड़ने और मारपीट की शिकायत दर्ज कराई, वहीं जदयू की तरफ से भी विरोध में शिकायत दर्ज कराई गई. स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.
बिहार में चुनावी हिंसा के बढ़ते मामले
बिहार चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा पहले भी कई क्षेत्रों में देखने को मिली है. मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या और गोपालगंज में जदयू-कांग्रेस झड़प इस बात का संकेत हैं कि राज्य में चुनावी माहौल तनावपूर्ण हो गया है. सुरक्षा बल और पुलिस को हाईअलर्ट पर रखा गया है. चुनाव आयोग ने भी राज्य के कई जिलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त अधिकारियों को तैनात किया है.
हिंसा के बीच मतदान प्रक्रिया भी नकारात्मक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी हिंसा न सिर्फ उम्मीदवारों के बीच तनाव बढ़ाती है, बल्कि आम जनता और मतदान प्रक्रिया पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है. ऐसे में गोपालगंज और मोकामा जैसी घटनाएँ चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और सुरक्षा की चुनौती बन सकती हैं. इस बीच पुलिस और प्रशासन हर संभव उपाय कर रहे हैं ताकि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.


