पहली बार दिल्ली विधानसभा में CM और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में होंगी महिलाएं, आतिशी को चुना गया नेता विपक्ष
हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में विजयी हुए सभी 70 नवनिर्वाचित विधायक 24 फरवरी से आरंभ होने वाले पहले विधानसभा सत्र में सदस्यता की शपथ लेंगे. यह सत्र 24 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलेगा.

दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद सोमवार से विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है. इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आतिशी को दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. यह प्रस्ताव आप विधायक संजीव झा द्वारा रखा गया, जिसे पार्टी के सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी. रविवार को आप विधायक दल की बैठक हुई थी, जिसमें सत्र के एजेंडे और रणनीति पर चर्चा हुई और नेता विपक्ष के रूप में आतिशी के नाम पर मुहर लगाई गई.
दिल्ली विधानसभा में यह पहली बार है जब मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष दोनों महिलाएं होंगी. बीजेपी ने हाल ही में रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया है, जबकि आप की तरफ से आतिशी को विपक्ष की कमान सौंपी गई है.
तीन दिनों तक चलेगा सत्र
24 फरवरी से शुरू हो रहा यह सत्र तीन दिनों तक चलेगा. पहले दिन, नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. इस प्रक्रिया का संचालन प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली करेंगे, जिन्हें उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नियुक्त किया है. इसी दिन दोपहर 2 बजे विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होगा. बीजेपी ने इस पद के लिए वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता का नाम तय किया है, जो तीन बार विधायक और पूर्व पार्षद रह चुके हैं.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना का होगा अभिभाषण
25 फरवरी को उपराज्यपाल वीके सक्सेना का अभिभाषण होगा, जिसमें वे सरकार की प्राथमिकताओं और योजनाओं का खाका पेश करेंगे. इसके बाद सदन में कैग रिपोर्ट पेश की जाएगी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एलजी के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखेंगी.
27 फरवरी को इस धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी और साथ ही विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव भी इसी दिन संपन्न होगा. इस सत्र के माध्यम से दिल्ली की नई सरकार अपनी विधायी प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत करेगी.


